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7 February 2025 5:41 am

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प्रशासनिक लचर ब्यवस्था की पोल खोलता भूमाफिया के गुर्गो द्वारा वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानी पत्रकार पर किया गया हमला

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आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट

लखनऊ।  पूरा मामला उत्तर प्रदेश के जनपद चित्रकूट धाम कर्बी के मानिकपुर से सामने आया है जहाँ यहीं के रहवासी वरिष्ठ पत्रकार /लोकतंत्र सेनानी श्री रामपाल त्रिपाठी पुत्र श्री जगत प्रसाद त्रिपाठी हाल नि०शास्त्रीनगर मानिकपुर सोमवार की सुबह टहलने के लिये निकले। वापस आते समय जैसे ही स्थानीय कोतवाली से महज 100 मीटर दूर डा० केशव तिवारी के मकान के पास मोड़ पर पहुंचे ही थे कि भ्रष्टाचार एवं भूमाफिया पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष विनोद द्विवेदी के 4-5 गुर्गे जो पहले से ही घात लगाए बैठे थे उनमें पूर्व में ददुआ गैंग में सहयोगी रहे अंगद कोल का संरक्षण प्राप्त बड़कूकोल, धनंजय कोल पुत्रगण गेंदालाल कोल नि० शिवनगर मानिकपुर,बराती कोल पुत्र मंगू कोल नि० गोबिंद नगर टिकुरा मानिकपुर तथा दो अज्ञात लोगों ने अचानक उनपर हमला कर जबरदस्त मारपीट कर दी जिससे उन्हें एक आंख में गम्भीर चोटें आ जाने एवं बेरहमी से की गयी पिटाई से घायल होकर जमीन पर गिर गये। किसी प्रकार जान बचाने के बाद जब कुछ स्थानीय पत्रकारों के साथ अपनी व्यथा सुनाने महज 100 मीटर दूर थाने पहुंचे तो वहाँ पर विनोद द्विवेदी चूंकि वर्तमान में अपना दल के विधायक प्रतिनिधि होने के कारण उसकी दबंगई एवं वर्चस्व के चलते स्थानीय पुलिस का रवैया भी ढुलमुल रहा आखिर किसी प्रकार दबंग विनोद द्विवेदी सहित सभी पर उनकी प्राथमिकी दर्ज कर ही ली गयी जिसमें कई विभिन्न धाराओं 147, 323, 504, 506 तथा 120B का उल्लेख भी किया गया है। 

इतनी बड़ी घटना होने के बावजूद स्थानीय पुलिस द्वारा पूर्व में दर्ज संगीन धाराओं को दरकिनार कर नार्मल धारा 151 के तहत बड़कू कोल एवं बराती कोल को जेल भेज दिया गया है!अब ऐसे में भुक्तभोगी श्री रामपाल त्रिपाठी जिन्होंने अपनी “कार्यकुशलता” के चलते (ग्रापए) पत्रकार एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के “पूर्व सचिव” एवं भारतीय क्षेत्रीय पत्रकार संघ के “प्रदेश संयोजक” तथा लखनऊ एवं हमीरपुर से प्रकाशित दैनिक “रुदाक्ष समाचार पत्र” के बांदा, चित्रकूट प्रभारी आदि पदों पर रहते हुये अपना सारा जीवन जनहित की समस्याओं को उजागर करने में लगा दिया। उनके साथ एक भ्रष्टाचारी, भूमाफिया, विधायक प्रतिनिधि होने के नशे में चूर अपनी दबंगई से सरेआम एक “आपराधिक इतिहास” रचता है और उसके अवैध कारनामों से पर्दा उठाने वाला वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानी वरिष्ठ पत्रकार “सरेराह खुलेआम” प्रशासनिक जिम्मेदारों से चंद कदम दूर “बेखौफअपराधियों” द्वारा की गयी “मारपीट” का शिकार हो जाता है। ऐसे में अपराधियों पर नकेल कसने वाले प्रशासन का दावा कहीं ना कहीं “प्रशासनिक लचर ब्यवस्था” की पोल खोल रहा है सत्तारूढ़ सरकार के बड़े बड़े दावे आज भी गर्त में नजर आ रहे हैं जहाँ “दबंग बेखौफ” हैं और पीड़ित न्याय की गुहार लगाने पर मजबूर है! 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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