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5 February 2025 4:16 pm

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यूपी से शुरु इस प्यार का मुंबई में हुआ ऐसा खौफनाक अंत कि सुनने वालों की आंखें फटी रह गई 

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला  की रिपोर्ट

मुंबई में एक कुएं में एक शख्स की लाश मिलती है। इस शख्स की किसी धारदार हथियार से गर्दन काटी गई थी और फिर लाश को कुंए में फेंक दिया गया था। पुलिस आसपास के थानों में गुमशुदा की तलाश की करती है, लेकिन ये पता नहीं चलता कि लाश किसकी है। इसके बाद लड़के के चेहरे को अखबार में प्रकाशित किया जाता है तो फिर उत्तर प्रदेश पुलिस, मुंबई पुलिस से संपर्क साधती है। पता चलता है लाश यूपी के बांदा के रहने वाले रमेश की है।

गुलनाज से प्यार किया तो काट दी गर्दन

अब शुरु होती है असली कहानी। वो कहानी जिसकी शुरुआत बांदा से हुई और खत्म मुंबई में जाकर हुई। कहानी प्यार की जिसका अंत सिर्फ नफरत नहीं बल्कि मौत था। ऐसी खतरनाक मौत जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाए। रमेश को गुलनाज नाम की लड़की से प्यार हो गया। दोनों का धर्म अलग, लेकिन कहते हैं न प्यार कहा धर्म-जात या फिर उम्र देखता है। प्यार तो बस सपने पिरोता है और साथ चाहता है।

रमेश और गुलनाज ने की थी लव मैरिज

रमेश और गुलनाज ने भी अपने प्यार को एक नाम देने की कोशिश की। गुलनाज और रमेश ने धर्म की दीवार तोड़कर एक होने का फैसला लिया और कोर्ट मैरिज कर ली। दोनों अपनी जिंदगी साथ जीना चाहते थे, फिर चाहे परिवार का साथ मिले या न मिले। दोनो बांदा में ही रहने लगे और छोटी-मोटी दुकान चलाकर अपना गुजारा करने लगे, लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आया जब गुलनाज के परिवार के दिमाग में एक साजिश ने हिस्सा लिया, एक खूनी साजिश।

उत्तर प्रदेश की लव स्टोरी का मुंबई में दी एंड

एक दिन गुलनाज के पास उसकी मां का मुंबई से फोन आया। गुलनाज की मां ने झूठा प्यार दिखाकर अपनी बेटी और दामाद को मुंबई बुला लिया। बस अब क्या था बेटी को लगा कि मां की ममता जाग गई है, लेकिन उसे क्या पता था ये एक फरेब है। मुंबई बुलाने के बाद गुलनाज के परिवार ने रमेश की हत्या कर दी। उसकी गर्दन को काट दिया गया और लाश को कुंए में फेंक दिया गया।

गुलनाज के माता-पिता क्यों बन गए कसाई?

गुलनाज परेशान थी कि पति कहा चला गया है। माता-पिता कुछ बताने को तैयार नहीं थे, वो पुलिस के पास जाना चाहती थी। बस इस बात ने गुलनाज के माता-पिता को उसका भी दुश्मन बना दिया। माता-पिता कसाई बन गए और अपनी बेटी को भी मौत के घाट उतार दिया। रस्सी से उसका गला दबाकर उसकी लाश को जंगल में फेंक दिया। दो कत्ल कर दिए गए, सिर्फ इसलिए क्योंकि ये शादी इंटर रिलिजन थी। रमेश और गुलनाज को प्यार की इतनी भारी कीमत चुकानी पड़ी, लेकिन क्यों? धर्म और जाति के खिलाफ जाकर जब लड़के-लड़कियां शादी करते हैं तो उन्हें मौत दे दी जाती है। पेरेंट्स अपने ही बच्चों के दुश्मन बन जाते हैं।

कब तक धर्म-जात की भेंट चढ़ेंगे बच्चे?

अब ये केस पूरी तरह से साफ हो चुका है। माता-पिता के अलावा गुलनाज का भाई सलमान भी इस हत्या में शामिल है। मुंबई पुलिस ने मामले में गुलनाज के भाई सलमान और पिता रईसुद्दीन खान से पूछताछ की। दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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