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16 January 2025 5:22 am

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पोते पोतियों को पढ़ता देख 92 की उम्र में दादी सलीमन को चढ़ा पढ़ाई का भूत और फिर ऐसा हुआ कि सब कर रहे तारीफ

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट 

बुलंदशहर: यूपी के बुलंदशहर में पोते-पोतियों को स्कूल जाता देख 92 वर्षीय सलीमन ने पढ़ने की इच्छा जताई और स्कूल पहुंच गई। स्कूल की प्रिंसिपल ने कॉपी-किताब देकर बुजुर्ग को पढ़ना शुरू करा दिया। अब महिला ने परीक्षा पास कर ली। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

केंद्र सरकार की योजना साक्षर भारत अभियान के तहत बुनियादी साक्षर परीक्षा में 92 वर्ष की बुजुर्ग महिला ने नवसाक्षर बनने के लिए परीक्षा दी। बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर लक्ष्मीकांत पांडे ने बताया कि बुलंदशहर सदर तहसील के गांव चावली स्थित प्राथमिक विद्यालय से महिला ने पढ़ाई की। रविवार को गांव के स्कूल से महिला सलीमन परीक्षा दी। सलीमन सभी के आकर्षण का केंद्र बनी। सलीमन ने हाथ में कलम पकड़ी तो खुशी का ठिकाना न रहा।

पूरी लगन के साथ वह बच्चों के साथ बैठकर क्लास रूम में अक्षर ज्ञान सीखने लगी। अक्षरों को मिलान कर शब्द निर्माण भी करने लगी और अपना नाम भी आसानी के साथ लिखने में महारथ हासिल कर ली। अब वह किताबों को आसानी से पढ़ लेती है। उन्होंने जिसका श्रेय स्कूल की प्रिंसिपल डॉक्टर प्रतिभा शर्मा को दिया है। सलीमन बताती हैं कि यह परीक्षा इसलिए दी कि पता लगे कि मैंने कितना कुछ सीखा है और पहली बार परीक्षा देकर खुशी महसूस हो रही है।

उन्होंने बताया कि वह बचपन से ही पढ़ना चाहती थीं, लेकिन मौका नहीं मिला आसपास स्कूल नहीं था। 14 साल की आयु में महिला का निकाह हो गया। घर गृहस्थी की जिम्मेदारी के बीच पढ़ाई न कर पाने की कसक हमेशा बनी रहती थी। कई वर्ष पहले उनके पति का इंतकाल हो चुका था। अपने बच्चों को पढ़ा-लिखा कर बड़ा किया। अब पोते पोतियों को पढ़ा रही हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी लक्ष्मीकांत पांडे ने बताया कि जनपद में नवसाक्षर कार्यक्रम के तहत जिले के लक्ष्य 19975 के सापेक्ष 21000 लोगों को साक्षर किया जा चुका है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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