कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
धर्म परिवर्तन या धर्मांतरण विषय में किसी को बाध्य करना या मजबूर करना, विशेष रूप से यदि इसे लालच और द्वेष के साथ किया जाए, गलत और न्यायिक ठहराया जाता है। मतांतरण या आराधना की स्वतंत्रता धर्म की महत्त्वपूर्ण संरचना है, और यह एक व्यक्ति का व्यक्तिगत और स्वतंत्र निर्णय होना चाहिए।
यदि उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में धर्म परिवर्तन के लिए किसी गांव में ऐसी स्थिति है, तो इसे संबंधित स्थानीय पुलिस अथवा सरकारी अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। पुलिस और संघर्ष समाधान अधिकारियों के पास यह कार्य होता है कि वे इस प्रकार की अवैध गतिविधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें और दुरुपयोग को रोकें। यहां तक कि कानूनी प्रक्रिया के द्वारा धार्मिक प्रवर्तन के प्रश्न को विचार किया जा सकता है और जरूरत के अनुसार इसकी जाँच की जा सकती है।
ये लोग उन्हें उनके इलाजा का लालच देते। जब लोग वैसे नहीं मानते तो उन्हें डराया भी जाता कि अगर ईसाई धर्म नहीं अपनाया तो वो कभी ठीक नहीं हो पाएंगे।
इसके अलावा गांव के लोगों को धर्म परिवर्तन के बाद उनका जीवन स्तर ठीक करने की बात भी इन सभाओं में की जा रही थी।
पुलिस ने कुछ गांववालों की शिकायत के बाद सैंता गांव में रेड की। चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। महाराज सरोज, उमाकांत ,महेंद्र कुमार और वेद प्रकाश मुख्त आरोपी हैं। ये लोग लंबे समय से हिंदुओं को ईसाई बनाने की मुहिम चला रहे थे। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पैसे लालच में गांववाले अक्सर उनकी बात मान जाते हैं। कई बार बीमारी के नाम पर उन्हें डराया भी जाता है।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."