अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) में मिली व्यापक जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) को इस बात का भरोसा है कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में एक बार फिर सत्ता में वापसी के लिए मंच तैयार है। हालांकि विपक्ष (Opposition) भी समाजवादी पार्टी (SP) के साथ एक नए माहौल की कल्पना कर रहा है। सपा ने परिवार में आई दरार को सुलझाने के बाद अपने घर को व्यवस्थित करने के अलावा कई उपयोगी गठजोड़ करने की तैयारी में है।
UP में नगर निगम चुनाव में हो सकती है देरी
इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में बीजेपी सरकार ओबीसी कोटे के बिना तुरंत चुनाव कराने की मांग ने योगी आदित्यनाथ शासन की योजनाओं को बिगाड़ कर रख दिया। ओबीसी वोट के महत्व को देखते हुए, सरकार इंतजार करने और कोटा के लिए दबाव बनाने के संकल्प के साथ चुनाव में देरी कर सकती है। वहीं उत्तर प्रदेश में हाशिए पर धकेल दी गई कांग्रेस को अपनी महात्वाकांक्षी भारत जोड़ो यात्रा से काफी उम्मीदें हैं, जबकि सपा-रालोद के साथ गठबंधन के बाद हाल में मिली उपचुनाव की सफलता से उत्साहित है। छोटी, जाति-आधारित पार्टियों को इस बात की उम्मीद होगी कि चुनावों से पहले प्रत्येक मोर्चा जिस गणित को आजमाएगा, उसे देखते हुए वो प्रासंगिक बने रहेंगे। वहीं निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी जैसी कुछ पार्टियां सौदेबाजी भी करेंगी।
Mayawati भी कर रही हैं लगातार बैठकें
यूपी की सत्ता में कई बार काबिज होने वाली बसपा जो हाल के विधानसभा चुनावों में बमुश्किल एक ही सीट जीत पाई थी। जिसके बाद से बसपा सुप्रीमो मायावती व्यक्तिगत रूप से जिला स्तरीय समीक्षा बैठकें करती रही हैं और शहरी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए उम्मीदवारों का चयन करती रही हैं। अपने नेतृत्व के बारे में सभी सवालों के निपटारे के साथ ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रमों की एक श्रंखला तैयार की है, जिसमें वो उन लोगों को जवाब देंगे जो उनके नेतृत्व पर सवाल उठा रहे थे। सीएम योगी इन कार्यक्रमों में अपने कार्यों और योजनाओं के बारे में बताएंगे। 2023 में वे स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेंगे। सीएम योगी ऐसा करने वाले उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बनेंगे। फरवरी 2023 में होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से पहले मौजूदा समय का नया उत्तर प्रदेश दिखाने के अभियान पर है।
CM योगी की नजरें स्थानीय निकाय चुनावों पर
बीजेपी की कार्यशैली के मुताबिक हर चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ा जाता है। योगी आदित्यनाथ ने इसके बीच स्थानीय निकाय चुनावों पर अपनी नजरें नहीं हटाई हैं। सीएम योगी लगातार राज्य का दौरा कर रहे हैं, परियोजनाओं का उद्घाटन कर रहे हैं और जिला स्तर पर आधारशिला रख रहे हैं, जबकि जनता से चुनाव में बुद्धिमानी से चयन करने के लिए कह रहे हैं। इस भव्य शो के आयोजन और भारत के G-020 अध्यक्ष पद के लिए नियोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला के बीच राहुल गांधी राज्य में भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से फिर से अमेठी जाने की उम्मीद कर रहे होंगे, जहां स्मृति ईरानी से उनकी शर्मनाक हार हुई थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि राहुल जो केरल के वायनाड से सांसद बने थे, 2024 में फिर से अमेठी से चुनाव लड़ेंगे।
2024 में Rahul और Priyanka में से कौन उतरेगा PM Modi के खिलाफ
यहां भी लड़ाई आसान नहीं होगी, क्योंकि केंद्रीय मंत्री ईरानी सावधानी से अमेठी का पोषण कर रही हैं और 2019 के नुकसान के बाद से राहुल बड़े पैमाने पर यूपी से दूर रह रहे हैं। राहुल गांधी यूपी को अपनी बहन और कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए छोड़ रहे हैं। कांग्रेस भी अपने पार्टी ढांचे के पुनर्गठन की प्रक्रिया में है और एक नए राज्य प्रमुख और क्षेत्रीय अध्यक्षों की नियुक्ति कर रही है। हालांकि, नेताओं के मुताबिक पार्टी के लिए आगे एक महत्वपूर्ण निर्णय यह है कि गांधी भाई-बहनों में से कौन 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कौन मैदान में उतरेगा? यह देखते हुए कि वह फिर से वाराणसी को अपनी सीट के रूप में चुन सकते हैं। वहीं साल 2023 के अंत तक बीजेपी अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के साथ एक बड़ी बढ़त हासिल कर चुकी होगी।
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."