जीशान मेंहदी की रिपोर्ट
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान 27 महीने बाद जेल से बाहर आ चुके हैं लेकिन दिल में एक कसक है। दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में वह अपना इलाज करा रहे हैं। अस्पताल के बेड से ही मीडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने जेल के दिनों से लेकर अखिलेश यादव के बारे में पूछे गए कई सवालों के जवाब दिए।
जब उनसे पूछा गया कि क्या हिम्मत टूट गई तो उन्होंने कहा कि मैं अभी जिंदा हूं। अखिलेश यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर बड़े सधे हुए अंदाज में जवाब दिया कि मुझे उनसे नाराज होने का न हक है और न ही इसकी वजह है।
दरअसल, आजम जब जेल में थे तो ऐसी खबरें आई थीं कि वह और उनका परिवार अखिलेश यादव से नाराज चल रहा है। वह जेल से रिहा हुए तो चाचा शिवपाल मिलने पहुंचे थे लेकिन अखिलेश ने ट्वीट से काम चलाया। इस पर कई तरह की बातें कही गई थीं।
आजम ने 27 महीने का वक्त जेल में गुजारा। उस वक्त के बारे में आजम खान ने कहा, ‘वहां 14 कोठरियां थीं और उनमें से सबमें कबाड़ भरा हुआ था। उनमें एक कोठरी में मैं और अब्दुल्ला थे… बाद में मैं अकेला रह गया था। सुबह 6 बजे-साढ़े छह बजे खोले जाते थे, शाम साढे़ छह बजे डबल लॉक लगा दिया जाता था।’
उन्होंने दर्द साझा करते हुए कहा कि 8 बाई 11 का कमरा था.. कब्र से थोड़ी बड़ी जगह… उसी में टॉयलट था। बराबर थोड़ी सी दूरी पर बीवी बंद थीं। एक समय दिल को यह लगा कि हमसे इतनी घृणा की वजह क्या है। हम पर एक मुकदमा है कि मैंने, मेरी बीवी ने, मेरे बच्चों ने एक शराब की दुकान लूटी है वजीर रहते हुए और 16 हजार उसके गल्ले से भी लूटा है। खुद पर शर्म आती है और उन लोगों पर भी जिन्होंने अपनी सोच और सियासत को इस हद तक पहुंचा दिया।
सपा नेता से पूछा गया कि क्या हर गुजरते वक्त के साथ आपका बाहर निकलकर खुली हवा में सांस लेने का यकीन टूट रहा था, कम हो रहा था या मजबूत हो रहा था? आजम ने कहा कि हालात तो कुछ ऐसे ही थे… बहुत कम उम्मीद थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फैसला देकर यह तय कर दिया वह सुप्रीम हैं।
इसके बाद अगला सवाल पूछा गया कि क्या आजम खान अखिलेश यादव से नाराज हैं या निराश हैं? इस पर उन्होंने कहा कि देखिए न मुझे नाराज होने का कोई हक है और न उसकी वजह है। कोई शिकवा, कोई शिकायत किसी से करने की हैसियत नहीं है।
मुझे नंबर-1 माफिया कहा गया…
आजम ने कहा कि पूरे मुल्क में हमें पहले नंबर का माफिया कहा गया और कहीं से कोई आवाज नहीं उठी। वरिष्ठ वकील और पूर्व कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल के लिए आजम खान ने कहा है कि जिस्म का एक-एक कतरा खून भी दे दें तो भी उनका कर्ज नहीं उतार सकता लेकिन सिब्बल को अखिलेश ने अपनी पार्टी से राज्यसभा भेजा है तो क्या आपको (आजम) संदेश देने की कोशिश है? इस सवाल पर आजम ने कहा कि उनके (अखिलेश) भी संबंध बहुत अच्छे हैं… और आज से नहीं मुझसे पहले से… मुझे उनके राज्यसभा में भेजे जाने की खुशी है।
क्या आजम खान आज भी सपा के नेता हैं, इस पर बड़े मायूसी से आजम कहते हैं कि नेता तो नहीं, वर्कर था और वर्कर ही रहना चाहते हैं। क्या आप सपा नेतृत्व से नाराज हैं, इस पर उन्होंने दोहराया कि नहीं, इसकी कोई वजह नहीं है। 27 महीनों में कोई मुलाकात नहीं हुई, तो मैं किस बात पर नाराज हो जाऊं।
आज जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला ने अस्पताल जाकर आजम खान का हालचाल जाना। दोनों की एक तस्वीर भी सामने आई है जिसमें वे एक फ्रेम में दिख रहे हैं।
Author: samachar
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