गोंडा बीजेपी कार्यालय का वायरल वीडियो बना विवाद का कारण, जिलाध्यक्ष पर लगे गंभीर आरोप
उत्तर प्रदेश के गोंडा में बीजेपी जिलाध्यक्ष का एक सीसीटीवी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो में महिला के साथ आपत्तिजनक हरकतों के आरोप लगाए गए हैं। पार्टी ने नेता को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नौशाद अली की रिपोर्ट
मध्य प्रदेश के मंदसौर कांड के बाद अब उत्तर प्रदेश के गोंडा से भी बीजेपी नेता का एक विवादास्पद वीडियो सामने आया है, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में भाजपा जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप उर्फ ‘बम बम’ एक महिला कार्यकर्ता के साथ आपत्तिजनक स्थिति में नजर आ रहे हैं।
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इस वायरल वीडियो को कथित तौर पर गोंडा के भाजपा कार्यालय का बताया जा रहा है। वीडियो फुटेज में रात के लगभग 9:35 बजे एक गाड़ी कार्यालय परिसर में दाखिल होती है। गाड़ी से उतरने वाले युवक के गले में भगवा रंग का गमछा दिख रहा है। कुछ ही देर बाद, उसी गाड़ी से एक युवती भी नीचे उतरती है और कार्यालय में प्रवेश करती है। कार्यालय के सीसीटीवी कैमरे में कैद दूसरे वीडियो में देखा गया कि युवती जैसे ही सीढ़ियों की ओर बढ़ती है, जिलाध्यक्ष अमर किशोर कश्यप उसके कंधे पर हाथ रखते हैं और फिर उसे बाहों में भर लेते हैं। कुछ देर बातचीत के बाद दोनों ऊपर चले जाते हैं।
आरोपों को बताया बेबुनियाद, कहा- “महिला को दिया सहारा”
मीडिया से बातचीत में भाजपा जिलाध्यक्ष ने स्वीकार किया कि वीडियो उनके कार्यालय का ही है। उन्होंने बताया कि संबंधित महिला पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता है और उस दिन तबीयत खराब होने के कारण कार्यालय में कुछ देर रेस्ट करने आई थी। जिलाध्यक्ष ने कहा,
“उसने फोन करके कहा कि वह कुछ घंटे आराम करना चाहती है। जब वह ऊपर चढ़ रही थी, तो हमने केवल उसे सहारा दिया ताकि वह गिर न जाए।”
जिलाध्यक्ष ने यह भी माना कि वीडियो उनके कर्मचारियों द्वारा ही वायरल किया गया है। साथ ही यह स्पष्ट किया कि घटना 12 अप्रैल की है।
प्रदेश कार्यालय से कारण बताओ नोटिस जारी
भाजपा प्रदेश कार्यालय ने इस पूरे घटनाक्रम को पार्टी की छवि के लिए “हानिकारक” मानते हुए जिलाध्यक्ष को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में कहा गया है कि उनका आचरण पार्टी अनुशासन के खिलाफ है और इससे भाजपा की साख पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
उन्हें 7 दिनों के भीतर लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा गया है। यदि जवाब संतोषजनक नहीं होता है, तो पार्टी द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
सोशल मीडिया पर मचा हंगामा
जैसे ही वीडियो सामने आया, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। जहां कुछ लोगों ने इस पर कड़ा विरोध जताया, वहीं भाजपा के कई समर्थक इसे विपक्षी साजिश बता रहे हैं।
हालांकि समाचार दर्पण इस वायरल वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।
गोंडा की यह घटना न केवल भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा कर रही है, बल्कि एक बार फिर राजनीतिक नेताओं के आचरण पर सवाल खड़े कर रही है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भाजपा इस मामले में क्या रुख अपनाती है और जिलाध्यक्ष के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाती है।