
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी इंटरलॉकिंग खड़ंजा रोड, कुछ ही महीनों में उजागर हुआ घटिया निर्माण कार्य
चित्रकूट (रामनगर)।
बुंदेलखंड विकास निधि (जिलांश) के अंतर्गत विकास के नाम पर बनाई गई इंटरलॉकिंग खड़ंजा सड़क अब सवालों के घेरे में है। ग्राम पंचायत छीबों में हनुमान मंदिर से लेकर कल्लू रैदास के घर तक लगभग 200 मीटर लंबी सड़क का निर्माण कराया गया था। हालांकि, कुछ ही महीनों में इस सड़क की सच्चाई सामने आ गई है।
दरअसल, निर्माण कार्य में की गई लापरवाही अब उजागर होने लगी है। जहां एक ओर यह सड़क ग्रामीणों को सुविधा देने के उद्देश्य से बनाई गई थी, वहीं दूसरी ओर घटिया निर्माण ने इसके उद्देश्य पर पानी फेर दिया।
गौरतलब है कि, इंटरलॉकिंग खड़ंजा सड़क निर्माण की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन लिमिटेड (निर्माण इकाई 13, बांदा) को सौंपी गई थी। लेकिन, निर्माण कार्य का स्तर बेहद खराब रहा।
स्थानीय सूत्रों की मानें तो, कार्यदाई संस्था ने ठेकेदारी प्रक्रिया में लापरवाही बरतते हुए एक स्थानीय ठेकेदार को पेटी कांट्रेक्टर के रूप में कार्य सौंप दिया। परिणामस्वरूप, निर्माण के कुछ ही महीनों में सड़क जगह-जगह धंस गई और कई स्थानों पर इंटरलॉकिंग ईंटें उखड़ गईं।
इसी के साथ, अब यह सवाल उठने लगा है कि इस परियोजना में गुणवत्ता की निगरानी क्यों नहीं की गई?
उल्लेखनीय है कि, सड़क का निर्माण कार्य क्षेत्रीय जनता की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाया। निर्माण की गुणवत्ता इतनी खराब रही कि चलते समय ईंटें हिलने लगती हैं और कई जगहों पर सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है।
अब यह देखना शेष है कि, जिला प्रशासन इस मामले को संज्ञान में लेकर दोषियों पर कब कार्रवाई करेगा। क्योंकि, यदि समय रहते जांच नहीं हुई, तो भविष्य में ऐसे निर्माण कार्य ग्रामीण विकास के नाम पर केवल मजाक बनकर रह जाएंगे।
निस्संदेह, यह एक गंभीर मामला है, जिसमें जनधन की खुली लूट सामने आ रही है।
संजय सिंह राणा की रिपोर्ट