google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
खास खबर

वक्फ बोर्ड बना तीसरा सबसे बड़ा ज़मींदार, संपत्तियों का डिजिटल खाका तैयार

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

भारत में वक्फ अधिनियम के तहत वक्फ बोर्ड के पास 9.4 लाख एकड़ भूमि है, जो देश में तीसरे सबसे बड़े जमींदार के रूप में उभरा है। जानिए वामसी पोर्टल के अनुसार कितनी संपत्तियां कब्रिस्तान, मस्जिद, मदरसों और व्यवसायिक उपयोग में हैं।

भारत में वक्फ अधिनियम के लागू होने के बाद वक्फ संपत्तियों को लेकर देशभर में एक नई जागरूकता आई है। हाल ही में पारित वक्फ बिल और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद अब यह पूरी तरह से कानून बन चुका है। इस कानून के तहत, देश की वक्फ संपत्तियों की डिजिटल मैपिंग और रिकॉर्डिंग भी सुनिश्चित की जा रही है, जिससे पारदर्शिता बढ़े और विवादों को सुलझाया जा सके।

वक्फ की संपत्तियों का विशाल नेटवर्क

आपको जानकर हैरानी होगी कि वक्फ बोर्ड के पास 9.4 लाख एकड़ भूमि है, जो इसे देश का तीसरा सबसे बड़ा जमींदार बनाता है। केवल रक्षा मंत्रालय (17.95 लाख एकड़) और रेलवे विभाग (12 लाख एकड़) ही इससे आगे हैं।

इसमें भी सबसे अधिक भूमि उत्तर प्रदेश में स्थित है, और तो और, लखनऊ का राजभवन तक वक्फ की जमीन पर बना होने का दावा किया जाता है।

वामसी पोर्टल: वक्फ संपत्तियों का आधिकारिक डिजिटल रिकॉर्ड

साल 2009 में यूपीए सरकार ने वक्फ संपत्तियों में बढ़ते विवादों के चलते वामसी (WAQF Management System of India) पोर्टल की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य था संपत्तियों का डिजिटलीकरण और एक पारदर्शी डाटा बैंक तैयार करना।

इस पोर्टल के अनुसार, भारत में वक्फ की 1,50,569 अचल संपत्तियां ऐसी हैं, जिनका उपयोग कब्रिस्तान के रूप में होता है। यह आंकड़ा कुल वक्फ संपत्तियों का केवल 17 प्रतिशत है।

धार्मिक उपयोग के आंकड़े

वामसी पोर्टल में दर्ज जानकारी के अनुसार:

  • 1.19 लाख मस्जिदें वक्फ की जमीन पर स्थित हैं।
  • 17,000 संपत्तियां इमामबाड़ा/आशूरखाना के रूप में प्रयुक्त हो रही हैं।
  • 14,000 संपत्तियों का उपयोग मदरसों के रूप में किया जा रहा है।
  • 34,000 संपत्तियां मज़ार और दरगाहों के लिए आरक्षित हैं।
आप को यह भी पसंद आ सकता है  बरेली ‘नाथ नगरी’ या ‘आला हजरत नगर’? त्रिशूल लगाने के बाद अब ऐसे हैं हालात
व्यवसायिक और आवासीय उपयोग

यहां यह उल्लेखनीय है कि 1.13 लाख वक्फ संपत्तियां व्यवसायिक रूप से प्रयोग की जा रही हैं, जबकि 92,000 संपत्तियों पर मकान बने हुए हैं। इसके अलावा, शेष भूमि का उपयोग कृषि के लिए किया जाता है।

वक्फ क्या है?

‘वक्फ’ एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है – स्थायी दान। इस्लामिक परंपरा में जब कोई व्यक्ति समाज के कल्याण हेतु अपनी संपत्ति दान करता है, तो वह वक्फ कहलाता है। विशेष रूप से, जिनके कोई उत्तराधिकारी नहीं होते, वे मृत्यु के बाद अपनी संपत्ति वक्फ के नाम कर जाते हैं।

इसके अतिरिक्त, धार्मिक आस्था और सामाजिक जिम्मेदारी के तहत भी अनेक मुस्लिम नागरिक स्वयं अपनी संपत्तियों को वक्फ कर देते हैं, जिससे मस्जिद, कब्रिस्तान, मदरसे, और मज़ारों का निर्माण एवं रखरखाव किया जा सके।

क्यों है वक्फ संपत्तियों पर विवाद?

इतनी बड़ी मात्रा में जमीन और संपत्ति होने के कारण, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों को लेकर अवैध कब्जे, भ्रष्टाचार और कानूनी लड़ाइयों की खबरें आती रहती हैं। यही वजह है कि डिजिटल रिकॉर्ड और पारदर्शिता की आवश्यकता महसूस की गई।

हालांकि वक्फ की अवधारणा मूल रूप से धार्मिक और सामाजिक सेवा के उद्देश्य से जुड़ी है, लेकिन समय के साथ यह एक सामाजिक-राजनीतिक विषय बन चुका है।

आप को यह भी पसंद आ सकता है  राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम ने स्वयं हितचिंतक बनने के साथ ही आमलोगों से भी जुड़ने का आह्वान किया 

वक्फ बोर्ड का भारत में भूमि पर अधिकार किसी भी अन्य धार्मिक या निजी संस्था की तुलना में कहीं अधिक है। वामसी पोर्टल जैसे डिजिटल प्रयासों से उम्मीद की जा रही है कि वक्फ संपत्तियों का उचित उपयोग, पारदर्शिता और संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा।

भविष्य में यह ज़रूरी हो जाता है कि समाज, सरकार और वक्फ बोर्ड मिलकर ऐसी नीतियां बनाएं, जिससे दान की भावना का सम्मान बना रहे और विवादों से मुक्ति मिल सके।

➡️संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

189 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close