जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
आजमगढ़। सुप्रसिद्ध कवि पं. सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन द्वारा रचित “भगवती छिन्नमस्ता चालीसा” का भव्य लोकार्पण दुर्वासा धाम में संपन्न हुआ। इस शुभ अवसर पर श्री मौनी बाबा आश्रम के श्री श्री 108 श्री शुभम दास जी महाराज ने चालीसा का विमोचन करते हुए इसे जनकल्याणकारी बताया। साथ ही, उन्होंने पं. सुभाष चंद्र तिवारी कुन्दन के उत्कृष्ट लेखन की सराहना करते हुए उन्हें बधाई दी।
दशम् महाविद्या अनुसंधान पीठ के तत्वावधान में कार्यक्रम
इस कार्यक्रम का आयोजन श्री दशम् महाविद्या अनुसंधान पीठ के तत्वावधान में किया गया। पीठ के संस्थापक श्री दुर्वेश्वरानंद संजय महाराज ने अपने उद्बोधन में कुन्दन जी की रचनाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि “भगवती छिन्नमस्ता चालीसा” में दसों महाविद्याओं की स्तुति अत्यंत प्रभावशाली ढंग से की गई है। इसके नियमित पाठ से जीवन की अनेक बाधाएं दूर हो सकती हैं।
लेखक कुन्दन ने व्यक्त किया आभार
अपने सम्मान के अवसर पर पं. सुभाष चन्द्र तिवारी कुन्दन ने उपस्थित जनसमूह के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने बताया कि “भगवती छिन्नमस्ता की साधना से साधक जीवभाव से मुक्त होकर शिवभाव को प्राप्त करता है।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अर्धरात्रि में की गई इनकी उपासना से मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यही कारण है कि भगवान परशुराम और गुरु गोरखनाथ ने भी छिन्नमस्ता देवी की साधना की थी।
समारोह में जुटी सैकड़ों श्रद्धालु-विद्वानों की भीड़
इस विशेष आयोजन में बगलामुखी आश्रम के पीयूष राजन हठयोगी, महंत संजय पाण्डेय, आचार्य रमाशंकर पांडेय, रासबिहारी सिंह, कुलबुल सिंह, जनार्दन सिंह, राहुल चौबे, अरविंद पांडेय, दीपचंद सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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इस लोकार्पण कार्यक्रम ने धार्मिक और आध्यात्मिक जगत में एक नई ऊर्जा का संचार किया। भगवती छिन्नमस्ता चालीसा के प्रकाशन से साधकों और भक्तों को निश्चित रूप से एक अमूल्य उपहार मिला है।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की