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December 2, 2024 10:25 pm

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‘मेरी प्रथम अनुगूंज’ का भव्य लोकार्पण: साहित्यिक और सांगीतिक प्रस्तुति के साथ हुआ आयोजन

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

आजमगढ़ : ‘शालिनी साहित्य सृजन’ के तत्वावधान में होटल पार्क डिलाइट के सभागार में कवयित्री शालिनी राय ‘डिम्पल’ की पुस्तक ‘मेरी प्रथम अनुगूंज’ का भव्य लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद रोशनी गोंड द्वारा माँ सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की गई।

आए हुए अतिथियों का स्वागत और सम्मान समारोह के साथ आरंभ हुआ, इसके बाद शालिनी राय ‘डिम्पल’ ने अपनी पुस्तक के कुछ अंश प्रस्तुत किए और पुस्तक के सृजन के पीछे की प्रेरणा और अपने विचार साझा किए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ताओं में से पूर्व प्रवक्ता वेस्ली इंटर कॉलेज के कपिल देव राय ने पुस्तक को समाज और जनमानस के अनुकूल बताया। वहीं, उप शिक्षा निदेशक अमरनाथ राय ने साहित्य और सृजन पर अपने विचार रखते हुए श्रोताओं को अपनी विचारधारा से प्रेरित होकर सृजन करने की प्रेरणा दी।

विशिष्ट अतिथि शशि सिंह (श्रम प्रवर्तन अधिकारी) ने भी अपने विचार रखे, जबकि मुख्य वक्ता डॉ. प्रवेश कुमार सिंह ने पुस्तक के भाव और शिल्प पक्ष पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि प्रेम साहित्य की पराकाष्ठा है, जो इस पुस्तक में पूरी तरह से परिलक्षित होता है। 

इस अवसर पर संगीत आचार्य कौशल राय ने पुस्तक से एक होली गीत प्रस्तुत कर माहौल को संगीतमय बना दिया।

मुख्य अतिथि प्रोफेसर राम सुधार सिंह (विभागाध्यक्ष, हिंदी विभाग, उदय प्रताप कॉलेज, वाराणसी) ने पुस्तक के विविध पहलुओं पर गहन विचार व्यक्त किए। 

उन्होंने कहा कि साहित्य समाज का पथप्रदर्शक होता है, और जब एक नारी साहित्य सृजन करती है, तो उसकी रचनाओं में करुणा, दया, और आद्रता जैसे भाव स्वाभाविक रूप से प्रकट होते हैं।

समारोह के अंत में शालिनी साहित्य सृजन के पदाधिकारीगण का सम्मान अंगवस्त्र और प्रशस्ति पत्र से किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि प्रभु नारायण पांडे ‘प्रेमी’ ने की, जिन्होंने कविता को जीवन का माध्यम बताते हुए साहित्य को मानव जीवन को सरल और सहज बनाने वाला बताया। 

विजयेंद्र प्रताप श्रीवास्तव ‘करुण’ ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया, जबकि संस्था की अध्यक्ष प्रज्ञा राय ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

इस अवसर पर साहित्यिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े अनेक गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही, जिनमें अनिल राय, संजय पाण्डेय, डॉ. आशा सिंह, डॉ. पूनम तिवारी, चंदन सिंह, सन्तोष पांडे, कौशल राय, डॉ. प्रतिभा सिंह और अर्चना राय प्रमुख रहे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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