ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
लखनऊ के काकोरी विकासखंड के ग्राम बहरू स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 8 के छात्र प्रशांत यादव के साथ जातिगत दुर्व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना का मामला सामने आया है।
छात्र के पिता अनिल कुमार ने विद्यालय की प्रधानाध्यापिका मीरा शर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए स्थानीय बेसिक शिक्षा अधिकारी को शिकायत पत्र सौंपा है।
शिकायत के अनुसार, प्रधानाध्यापिका मीरा शर्मा ने प्रशांत यादव से निजी काम करवाने के अलावा उसे जातिसूचक शब्दों से अपमानित किया। पिता अनिल कुमार का आरोप है कि शिक्षिका ने छात्र से जूठे बर्तन धुलवाए और जब प्रशांत ने विरोध किया, तो उसे मारपीट कर अपमानित किया गया।
मीरा शर्मा ने प्रशांत से कहा, “अहीर का बच्चा तुम पढ़ लिख कर क्या करोगे?” इसके बाद छात्र को मासिक परीक्षा में बैठने से भी वंचित कर दिया गया और उससे पैसे मांगे गए।
इस घटना के बाद प्रशांत यादव मानसिक रूप से परेशान है और विद्यालय जाने से डर रहा है। पिता अनिल कुमार ने प्रधानाध्यापिका के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि उनके बेटे को न्याय मिल सके और वह बिना किसी डर के अपनी शिक्षा जारी रख सके।
अनुरुद्ध सिंह विद्रोही का X पर विरोध
घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए समाजसेवी अनुरुद्ध सिंह विद्रोही ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “क्या ऐसी नीच मानसिकता वाली शिक्षिका मीरा शर्मा किसी भी विद्यालय में बच्चों को शिक्षा देने योग्य है?” उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और यूपी पुलिस से तत्काल कार्रवाई की मांग की।
विद्रोही ने शिक्षिका के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की, जिसमें उसे बर्खास्त करना और जेल भेजना शामिल है। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ित बच्चे की काउंसलिंग कराकर उसे सरकारी खर्चे पर किसी अच्छे विद्यालय में शिक्षा दी जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में कार्रवाई नहीं होती है, तो मंडल आर्मी लखनऊ में आंदोलन करेगी।
परिवार का प्रशासन से न्याय की गुहार
प्रशांत के परिवार ने स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग से न्याय की गुहार लगाई है। पिता अनिल कुमार ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को भेजे पत्र में स्पष्ट किया कि अगर उनके बेटे के साथ कोई अनहोनी होती है, तो इसकी जिम्मेदारी प्रधानाध्यापिका मीरा शर्मा की होगी।
प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार
यह मामला अब तेजी से चर्चा में आ रहा है, और प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग की जा रही है। देखना होगा कि इस मामले में प्रशासन और शिक्षा विभाग क्या कदम उठाते हैं, और प्रशांत यादव को न्याय कब तक मिल पाता है।
Author: samachar
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