जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में बिना अस्तित्व के संचालित मदरसों के खिलाफ प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। शासन के निर्देश पर आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर जिले के विभिन्न थानों में मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं।
कैसे सामने आया फर्जीवाड़ा?
दरअसल, जिले में मदरसा पोर्टल पर ऑनलाइन सत्यापन के दौरान 313 मदरसे निर्धारित मानकों पर खरे नहीं पाए गए थे। जब इस मामले की जांच विशेष जांच दल (SIT) को सौंपी गई, तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। जांच में 219 मदरसे पूरी तरह से अस्तित्वहीन पाए गए। यानी कागजों में इन मदरसों को मान्यता दी गई थी, लेकिन जमीनी स्तर पर उनका कोई अस्तित्व नहीं था। इतना ही नहीं, कई जगहों पर मदरसों की आड़ में अन्य शिक्षण संस्थानों का संचालन किया जा रहा था।
मामले की पृष्ठभूमि
यह फर्जीवाड़ा नया नहीं है। वर्ष 2009-10 में बिना किसी भौतिक सत्यापन के कई मदरसों को मान्यता और सरकारी अनुदान दे दिया गया था। इस अनियमितता को लेकर 2017 में सरकार से शिकायत की गई थी। जब जांच कराई गई, तो पता चला कि 387 मदरसे ही वैध थे, जबकि 313 में गंभीर गड़बड़ियां थीं। इसके बाद सरकार ने इस पूरे मामले को SIT को सौंप दिया था।
2022 में जब SIT ने अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपी, तो स्पष्ट हो गया कि 219 मदरसे केवल कागजों पर चल रहे थे। ये मदरसे सरकारी अनुदान का गलत तरीके से लाभ उठा रहे थे, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुकसान हो रहा था।
कार्रवाई की शुरुआत
SIT की रिपोर्ट के आधार पर शासन ने दोषी मदरसा संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। हालांकि, अब तक इस मामले में कोई FIR दर्ज नहीं हुई थी। लेकिन अब प्रशासन ने कमर कस ली है और मुकदमों का सिलसिला शुरू हो गया है।
6 फरवरी को कंधरापुर थाना में पहला मामला दर्ज किया गया, जिसमें मदरसा प्रबंधक रुमाना बानो के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया। इसके बाद 8 फरवरी को कुल आठ और मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें रौनापार थाना में 3, सिधारी थाना में 4 और बिलरियागंज थाना में 1 मामला पंजीकृत किया गया।
अधिकारी बोले – जारी रहेगी कार्रवाई
एसपी ग्रामीण चिराग जैन के अनुसार, जनवरी 2023 में शासन ने SIT से जांच कराई थी, जिसमें जिले के 219 मदरसे फर्जी पाए गए थे। इन मदरसों ने गलत तरीके से सरकारी अनुदान प्राप्त कर उसका दुरुपयोग किया। शासन ने सख्त निर्देश दिए हैं कि दोषियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाए।
इस संबंध में EOW के निरीक्षक कुंवर ब्रम्ह प्रकाश सिंह ने विभिन्न थानों में तहरीर दी है। अब तक 11 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और अन्य मामलों में भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।
क्या होगा आगे?
अब जब मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, तो आगे की कार्रवाई में दोषी पाए गए मदरसा संचालकों की गिरफ्तारी भी हो सकती है। इसके अलावा, इस घोटाले से जुड़े अन्य लोगों की भी जांच की जा सकती है। सरकार यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम कर रही है कि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों और शिक्षा के नाम पर होने वाले भ्रष्टाचार को पूरी तरह समाप्त किया जाए।
आजमगढ़ में फर्जी मदरसों के नाम पर हो रही वित्तीय अनियमितताओं का पर्दाफाश होने के बाद प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। वर्षों से चले आ रहे इस घोटाले की परतें खुलने लगी हैं और दोषियों पर कानूनी शिकंजा कस रहा है। अब देखना यह होगा कि आगे इस मामले में कितनी और गिरफ्तारियां होती हैं और सरकार इस भ्रष्टाचार पर कैसे रोक लगाती है।
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Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
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