कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
मेरठ, उत्तर प्रदेश में व्यापारियों का महाजुटान होने जा रहा है। पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल की एक महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को हुई, जिसमें संगठन का विस्तार किया गया और व्यापारियों के हितों के प्रति कार्य करने की शपथ दिलाई गई। इस बैठक में प्रदेश पदाधिकारी और विभिन्न जिलों के पदाधिकारी भी शामिल हुए। पश्चिम उत्तर प्रदेश संयुक्त व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष, पंडित आशु शर्मा ने जानकारी दी कि 9 नवंबर को मेरठ में संगठन का आठवां स्थापना दिवस विशाल व्यापारी महासम्मेलन के रूप में मनाया जाएगा।
आशु शर्मा ने बताया कि इस महासम्मेलन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 20 जनपदों से हजारों व्यापारी एकत्र होंगे। इस बार खास बात यह है कि देहात और कस्बों के व्यापारी भी ट्रैक्टर-ट्रॉली से सम्मेलन में पहुंचेंगे। महासम्मेलन के दौरान व्यापारियों की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी, विशेष रूप से सरकारी विभागों द्वारा व्यापारियों के उत्पीड़न के मामलों को उठाया जाएगा।
जीएसटी विभाग पर आरोप
आशु शर्मा ने जीएसटी विभाग पर व्यापारियों का शोषण करने का आरोप लगाया है, जिसमें उन्होंने कहा कि कई वर्षों के नोटिस भेजकर व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है।
बैठक के दौरान व्यापारी नेता प्रवीण वशिष्ठ को प्रदेश सचिव, अलीशान अहमद को मेरठ मंडल महासचिव, सौरभ अग्रवाल को मेरठ मंडल उपाध्यक्ष, रजनीश भाटी को महानगर वरिष्ठ उपाध्यक्ष, अनिल चौधरी को महानगर महामंत्री, और युवा व्यापारी नेता शिवम पटेल को महानगर अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ के पद पर सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया।
महासम्मेलन में उठेंगी ये मांगें: महासम्मेलन के दौरान कई महत्वपूर्ण मांगें उठाई जाएंगी, जैसे:
1. व्यापारी प्रोटेक्शन एक्ट: उत्तर प्रदेश में इस एक्ट को लागू करने की मांग की जाएगी।
2. कर्ज माफी: किसानों की तर्ज पर छोटे व्यापारियों के लिए 5 लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की मांग की जाएगी।
3. जीएसटी की समस्याओं का समाधान: जीएसटी के लिए एकल खिड़की प्रणाली और एक ही सिलेब रखने की मांग की जाएगी।
4. बाहरी कंपनियों पर नकेल: बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर नकेल कसने की मांग भी उठाई जाएगी।
5. ऑनलाइन व्यापार पर प्रतिबंध: ऑनलाइन व्यापार को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित करने की मांग की जाएगी।
इसके अलावा, महिला हेल्प डेस्क की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के हर थाने में व्यापारी हेल्प डेस्क की स्थापना, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाई कोर्ट की बेंच की स्थापना, और व्यापारियों को 50 लाख रुपये तक का कर्ज बिना बैंक गारंटी के सब्सिडी के आधार पर देने का मुद्दा भी उठाया जाएगा।
महासम्मेलन में जीएसटी पंजीकृत व्यापारियों को विधान परिषद सदस्य चुने जाने का अधिकार, जीएसटी काउंसिल में व्यापारी प्रतिनिधि शामिल करने, और व्यापारी सुरक्षा प्रकोष्ठ को और प्रभावी बनाने की मांग भी शामिल होगी।
इस महासम्मेलन के जरिए व्यापारी एकजुट होकर अपनी आवाज उठाने और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एक नई पहल करने जा रहे हैं, जो व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।