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November 5, 2024 7:04 pm

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कृष्णा नगर में दबंगों का आतंक : विनोद रावत के परिवार पर हमला, पुलिस प्रशासन पर लापरवाही के आरोप

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट

लखनऊ की कृष्णा नगर कोतवाली क्षेत्र में एक दर्दनाक घटना सामने आई है, जहां पटाखे फोड़ने से मना करने पर एक विवाद ने गंभीर रूप ले लिया। पीड़ित विनोद रावत और उनके परिवार पर प्रजापति और ब्राह्मण परिवार के लोगों ने हमला कर दिया। यह घटना 2 नवंबर 2024 को घटी, जब विनोद रावत और उनका परिवार अपने घर पर थे। विवाद इस कदर बढ़ गया कि मारपीट के दौरान विनोद का हाथ टूट गया और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी घायल हो गए।

घटना के बाद, बड़ी मुश्किल से पीड़ित परिवार ने पुलिस को फोन कर मौके पर बुलाया। हालांकि, जब विनोद और उनके परिवार ने कृष्णा नगर कोतवाली पुलिस के पास जाकर लिखित शिकायत दी, तो पुलिस ने उनकी शिकायत को अनसुना कर दिया और उन्हें थाने से बाहर जाने को कह दिया। इससे यह संकेत मिलता है कि पुलिस इस मामले में उचित कार्यवाही करने से बचने की कोशिश कर रही है।

विनोद रावत का परिवार बरगवा क्षेत्र में रहता है। उनके परिवार में पत्नी और तीन बेटियां हैं, जिनकी जिम्मेदारी अकेले विनोद के कंधों पर है। अपने परिवार का पेट पालने के लिए वे ऑटो रिक्शा चलाते हैं। पीड़ित का कहना है कि प्रजापति और ब्राह्मण परिवार के कुछ लड़के उनकी बेटियों के स्कूल आते-जाते समय छेड़खानी और अभद्र टिप्पणियां करते हैं। जब विनोद ने इन मामलों की शिकायत संबंधित परिवारों से की, तो वे मारपीट और गाली-गलौज पर उतारू हो गए। पुलिस में शिकायत करने पर भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि विपक्षियों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया, जिससे पीड़ित परिवार न्याय पाने में असमर्थ रहा।

विनोद रावत का आरोप है कि पुलिस उनकी शिकायत पर न केवल अनदेखी करती है, बल्कि उन्हें गाली-गलौज कर थाने से भगा देती है। इस घटना के बाद, विनोद अपनी पत्नी और बेटियों के साथ न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हैं। इस प्रकरण से सरकार और पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। योगी सरकार के ‘रामराज्य’ की सच्चाई ऐसी घटनाओं से उजागर होती है, जहां पीड़ितों को न्याय की जगह अपमान और प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।

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