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लखनऊ

हनी ट्रैप के जरिए महिलाओं के संपर्क में आया श्याम प्रताप सिंह और उमर गौतम बनकर धर्म परिवर्तन के रैकेट का संचालन करने लगा, अब हुआ गिरफ्तार

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

लखनऊ में उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) की विशेष अदालत ने अवैध धर्म परिवर्तन के मामले में उमर गौतम और 15 अन्य लोगों को दोषी करार दिया है। 

अदालत ने इन सभी आरोपियों को जेल भेज दिया और सजा सुनाने की तारीख बुधवार तय की है। इस केस की सुनवाई विशेष जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी की अदालत में हुई, जहां अभियोजन पक्ष ने इन सभी को साजिश के तहत बड़े पैमाने पर अवैध धर्मांतरण का आरोप लगाया।

इन दोषियों में प्रमुख रूप से उमर गौतम, मौलाना कलीम सिद्दीकी, प्रकाश रामेश्वर कावड़े (उर्फ आदम), कौशर आलम, भुप्रिय बन्दो (उर्फ अर्सलान मुस्तफा), डॉ. फराज बाबुल्लाह शाह, मुफ्ती काजी जहॉगीर आलम कासमी, इरफान शेख (उर्फ इरफान खान), राहुल भोला (उर्फ राहुल अहमद), मन्नू यादव (उर्फ अब्दुल मन्नान), सलाहुद्दीन जैनुद्दीन शेख, अब्दुल्ला उमर, मोहम्मद सलीम, कुणाल अशोक चौधरी, धीरज गोविंद राव जगताप और सरफराज अली जाफरी शामिल हैं। इन सभी को देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था।

इस मामले की शुरुआत 20 जून 2021 को हुई थी, जब उपनिरीक्षक विनोद कुमार ने एटीएस थाने में इन आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम 2021 के तहत गंभीर आरोप लगाए गए। 

आरोप है कि ये लोग साजिश के तहत धार्मिक उन्माद, वैमनस्य और नफरत फैलाकर देशभर में अवैध धर्मांतरण का रैकेट चला रहे थे।

अभियोजन पक्ष के अनुसार, इन आरोपियों के अंतरराष्ट्रीय संबंध थे और हवाला के जरिए विदेशों से इन्हें पैसा भेजा जाता था। आरोपियों पर आर्थिक रूप से कमजोर और दिव्यांग लोगों को लालच देकर या दबाव डालकर धर्मांतरण कराने का आरोप है। उनका उद्देश्य देश में शरिया आधारित सरकार की स्थापना करना था। इसके साथ ही वे मृत्यु के बाद नरक की आग जैसे भय दिखाकर लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर करते थे।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने मोहम्मद उमर गौतम और मुफ्ती काजी जहॉगीर आलम कासमी को 20 जून 2021 को दिल्ली के जामिया नगर से गिरफ्तार किया था। 

उमर गौतम पहले हिंदू था, लेकिन उसने इस्लाम धर्म अपना लिया और इसके बाद उसने बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराना शुरू किया। पुलिस के अनुसार, उसने लगभग एक हजार गैर-मुस्लिमों को इस्लाम धर्म में परिवर्तित कराया और उनकी शादी मुस्लिमों से कराई।

रमवां पंथुवा निवासी श्याम प्रताप सिंह उर्फ उमर गौतम एग्रीकल्चर से इंटरमीडिए करने के दौरान मुस्लिम दोस्तों के संपर्क में आ गया था। वह परिजनों पर दबाव बना कर पढ़ाई के लिए अलीगढ़ पहुंचा। जहां वह हनी ट्रैप के जरिए एक महिला के संपर्क में आया। उसे प्रोफेसर बनाने का आफर दिया गया। जिसके लालच में आकर उसने महिला से शादी कर मुस्लिम धर्म अपना लिया। 

धर्म परिवर्तन के बाद पहली बार घर लौटने पर परिजनों ने समझाया, उसके नहीं मानने पर पत्नी राजेश कुमारी ने भी श्याम उर्फ उमर के साथ रहने का वास्ता देते हुए पति के साथ अलीगढ़ चली गई थी।

धर्मांतरण के उपरांत उमर गौतम शहर के एक शैक्षिक संस्थान में मजहबी तकरीर के लिए आता था। लेकिन दस किमी दूर अपने पैतृक गांव की ओर रुख नहीं करता था। 

श्याम उर्फ उमर के बचपन के एक दोस्त ने बताया कि लखनऊ रोड़ स्थित एक शैक्षिक संस्थान में उसके आने की जानकारी पर मुलाकात करने गया था। जहां उसने मुलाकात की, बातें की लेकिन राह बदलने की बात पर वह विफर गया था। उसका कहना था कि उसका गांव परिवार और हिन्दू धर्म से कोई वास्ता नहीं है। उसके लिए इस्लाम ही सब कुछ है।

पिता की मौत पर भी नहीं नम हुई आंखे

श्याम प्रताप सिंह उर्फ उमर गौतम के पिता का नाम धनराज सिंह बेटे के फैसले से आहत थे। उसे रास्ते में लाने के सारे प्रयास विफल होने पर वह टूट गए थे। इसी गम में करीब दो साल बाद उनकी मौत हो गई। पिता के मौत की खबर उमर को भी दी गई थी। 

गांव के लोगों की मानें तो उमर गांव तो पहुंचा था लेकिन उसकी आंखों से एक कतरा आंसू का भी नहीं छलका था। उसके दोनों भाई उदय प्रताप सिंह व श्रीनाथ सिंह ने पिता की अर्थी को कंधा दिया लेकिन उसने हाथ लगाना भी मुनासिब नहीं समझा बस कुछ देर दूर खड़ा शव की ओर निहारता रहा।

महीनों एटीएस खंगालते रही नातेदारों की कुंडली

धर्मांतरण के आरोप में उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद एटीएस समेत कई एजेंसी महीनों पंथुवा समेत उसकी रिश्तेदारों की कुंडली खंगालती रही है। इस दौरान श्याम उर्फ उमर के बचपन की गतिविधियों, दोस्तों से लेकर ससुराल तक का ब्योरा तैयार किया था। 

जांच एजेंसियां कई शैक्षिक एवं धार्मिक स्थलों में पहुंच कर उमर गौतम के आने और उसकी तकरीरों को लेकर भी सबूत एकत्र किए थे। 

सूत्रों की मानें तो शहर के चर्चित 11 मदसरों के साथ ललौली के पांच और हसवा-खखरेरू क्षेत्र के एक-एक मदसरे में धर्मांतरण कराए जाने की जानकारी मिली है। एजेंसी ने अंदौली में कई हिन्दू परिवारों के धर्म परिवर्तन को लेकर सबूत जुटाए थे।

ऐतिहासिक रानी तालाब की खिंचाई थी फोटो

बताते हैं कि उमर गौतम जब भी धार्मिक तकरीर के लिए फतेहपुर आता था, वह हसवा स्थित ऐतिहासिक रानी तालाब घूमने जरूर जाता था। रानी तालाब में उमर गौतम ने कई फोटो खिंचवाई थी। जो उसके गिरफ्तारी के बाद खूब वायरल हुई थी।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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