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November 22, 2024 9:48 am

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“पुस्तकालय प्रबंधन प्रणाली, सर्वोत्तम प्रथाएं और नई प्रोद्योगिकी” विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का सफल समापन

20 पाठकों ने अब तक पढा

इरफान अली लारी की रिपोर्ट

भाटपार रानी : मदन मोहन मालवीय पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर सतीश चंद्र गौड़ ने शनिवार को घोषणा की कि तक्षशिला ग्रंथालय को हाईटेक बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। उन्होंने बताया कि जल्द ही सभी पुस्तकों को ई-ग्रंथालय सॉफ्टवेयर पर अपलोड किया जाएगा, जिससे डिजिटल रूप में पाठकों को पुस्तकें उपलब्ध हो सकेंगी। इसके अलावा, ग्रंथालय की वेबसाइट को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) से जोड़ने की प्रक्रिया भी चल रही है, जिससे पुस्तकालय की सेवाओं को सस्ता और अधिक सुलभ बनाया जा सकेगा। यह बात उन्होंने दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह के दौरान बतौर मुख्य अतिथि कही। संगोष्ठी का विषय “पुस्तकालय प्रबंधन प्रणाली, सर्वोत्तम प्रथाएं और नई प्रोद्योगिकी” था।

प्रोफेसर सतीश ने बताया कि ग्रंथालय को दिव्यांग पाठकों के लिए भी अनुकूल बनाने की योजना पर काम चल रहा है, ताकि उन्हें बेहतर संसाधन उपलब्ध कराए जा सकें। इसके अलावा, कॉलेज की प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं को पुस्तकों, पत्रिकाओं और समाचार पत्रों की सुविधा घर बैठे प्राप्त हो सकेगी। इसके लिए एक वेबसाइट लॉन्च करने की तैयारी की जा रही है, जिसका संचालन सीधे NIC के माध्यम से होगा। कॉलेज परिसर को वाई-फाई से सुसज्जित करने के लिए हाईस्पीड लीज लाइन कनेक्टिविटी की भी योजना बनाई जा रही है।

इस अवसर पर कॉलेज के प्रबंधक और वरिष्ठ भाजपा नेता राघवेंद्र वीर विक्रम सिंह ने संगोष्ठी के सफल संचालन के लिए आयोजक मंडल की सराहना की और तक्षशिला ग्रंथालय को हाईटेक बनाने में हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया।

पूर्व प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि पुस्तकालय का माहौल ऐसा होना चाहिए कि छात्रों और शिक्षकों का मन वहां आने को करे। डॉ. शिलेंद्र पाठक ने पुस्तकालय प्रबंधन की सर्वोत्तम प्रथाओं और उसमें तकनीक की भूमिका पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. दिनेश कुमार शर्मा ने प्राचीन पुस्तकालयों और विश्वविद्यालयों की जानकारी दी। डॉ. अवनीत सिंह ने संगोष्ठी के विभिन्न आयामों पर विस्तार से चर्चा की और डॉ. अभिमन्यु पांडेय ने पुस्तकालय के ऐतिहासिक और आधुनिक स्वरूप में हुए परिवर्तनों पर प्रकाश डाला।

संगोष्ठी के आयोजन सचिव और महाविद्यालय के पुस्तकालयाध्यक्ष राजेशधर द्विवेदी ने कहा कि संगोष्ठी से प्राप्त ज्ञान को तक्षशिला ग्रंथालय में लागू किया जाएगा। प्रोफेसर कमलेश नारायण मिश्रा, जो कार्यक्रम के संयोजक थे, ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर प्रोफेसर मनोज कुमार, डॉ. मनोज कुमार राय, डॉ. ज्ञान प्रकाश, डॉ. शक्ति सिंह, डॉ. श्याम समेत कई अन्य शिक्षाविदों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में डॉ. मनीष नाथ त्रिपाठी, डॉ. अजय कुमार सिंह, डॉ. सुशील पांडेय, डॉ. महेंद्र मिश्रा, डॉ. रवि सिंह, डॉ. सुदीप, डॉ. जय सिंह यादव, डॉ. अधोक्षजानंद ओझा, डॉ. शिव शंकर प्रजापति और डॉ. संतोष पासवान सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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