इरफान अली लारी की रिपोर्ट
गोरखपुर, यह घटना रामगढ़ताल थाना क्षेत्र की है, जहां करीब तीन साल पहले कानपुर के व्यापारी मनीष की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। यह मामला उस समय काफी चर्चा में रहा था। पुलिस पर आरोप लगे थे कि मनीष से वसूली के चक्कर में उसकी बुरी तरह पिटाई की गई थी, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली और मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर कई सवाल उठाए थे।
इस मामले ने जनपद की पुलिस की छवि को धूमिल किया और इसके बाद कई जांच और कार्यवाही भी की गई। इस घटना ने पुलिस सुधार और जवाबदेही की महत्वपूर्णता को एक बार फिर से उजागर किया।
यह ताजा मामला नौसड़ पुलिस चौकी का है, जहां सिपाही चंद्रभान सिंह की एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें वह एक अवैध बस स्टैंड संचालक को बीयर पिलाते हुए दिख रहा है। यह तस्वीर इंटरनेट पर तेजी से वायरल हुई और इसकी जानकारी एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर तक पहुंची। उन्होंने तुरंत सिपाही चंद्रभान सिंह को निलंबित कर दिया और विभागीय जांच का आदेश दिया है।
इससे पहले सोनबरसा चौकी इंचार्ज और दो सिपाहियों को भी वसूली के मामले में एसएसपी ने निलंबित किया था और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले की जांच भी चल रही है।
गीडा थाना क्षेत्र की नौसड़ पुलिस चौकी अक्सर विवादों में रहती है। हाल ही में एक महिला ने चौकी प्रभारी पर मारपीट का आरोप लगाया था। अब सिपाही चंद्रभान सिंह द्वारा अवैध कामों की वसूली और अवैध बस स्टैंड संचालक को बीयर पिलाने की घटना ने पुलिस की छवि को और धूमिल कर दिया है।
एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने स्पष्ट किया है कि जांच पूरी होने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने एक बार फिर से पुलिस की कार्यशैली और उसमें सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया है।
Author: samachar
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