संजय सिंह राणा की रिपोर्ट
चित्रकूट. गौवंशों के संरक्षण के लिए गौशाला निर्माण व भरण पोषण चारे भूसे व पेयजल व्यवस्था के लिए सरकार द्वारा कई तरह के इंतज़ाम किए जाने के दावे किए जा रहे हैं लेकिन यही दावे जमीनी हकीकत पर फेल होते नज़र आ रहे हैं जहां पर जिम्मेदारों की अनदेखी बेजुबान गौवंशों की मौत का कारण बन रही है l
ऐसा ही कुछ मामला देखने को मिला है मानिकपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत गढ़चपा की गौशाला का l
मानिकपुर विकास खण्ड की ग्राम पंचायत गढ़चपा की गौशाला गौवंशों की कब्रगाह बनी हुई है जहां पर सही तरीके से व्यवस्था नहीं होने के कारण गौवंशों की बड़ी संख्या में मौतें हो गई हैं l
ग्रामीणों की सूचना के आधार पर हमारी टीम गढ़चपा गांव की गौशाला पहुंची जहां पर देखा कि गौशाला में गंदगी का अंबार लगा हुआ है वहीं जब गौवंशों की हुई मौतों के बारे में जानकारी प्राप्त की तो ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि लगभग 47 गौवंशों की मौत हो गई है लेकिन हमारी टीम को यकीन नहीं हुआ लेकिन जब मौके पर पहुंच कर स्थलीय निरीक्षण किया और गौवंशों की मौत का भयावह मंजर देखा तो हमारे भी होश उड़ गए l
ग्रामीणों ने बताया कि इन गौवंशों की हुई मौत की जानकारी जिलाधिकारी महोदय व खण्ड विकास अधिकारी महोदय को दी गई तो खण्ड विकास अधिकारी मानिकपुर पुलिस बल के साथ गौशाला पहुंचे और स्थलीय निरीक्षण किया वहीं सचिव भी मौके पर मौजूद रहे लेकिन गौवंशों की मौत का इतना भयावह मंजर देखने के बाद भी खण्ड विकास अधिकारी द्वारा जिम्मेदारों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई l
ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान ननकी देवी है और सचिव दिनेश कुमार हैं जिनकी अभी तैनाती हुई है ग्राम पंचायत में ग्राम प्रधान ननकी देवी प्रधानी का कार्य नहीं देख रही है बल्कि उनकी जगह पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि बने अरूण सिंह बघेल उर्फ मिंटू सिंह प्रधानी का कार्यभार देख रहे हैं जो निर्माण कार्यों से लेकर गौशाला संचालन का कार्य देखते हैं जिसकी लापरवाही के चलते इतने गौवंशों की मौतें हो गई हैं l
ग्रामीणों के अनुसार गौशाला में लगभग दो सौ से ज्यादा गौवंशों की टैगिंग है लेकिन मौके पर एक सैकड़ा गौवंश भी मौजूद नहीं हैं गौशाला में गौवंशों के भरण पोषण के लिए चारे भूसे व पेयजल आपूर्ति का सही तरीके से इंतज़ाम नहीं है जिसके कारण भूख और प्यास से गौवंशों की जान जा रही है l
वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अरूण सिंह बघेल उर्फ मिंटू सिंह द्वारा बताया गया कि गौशाला में गौवंशों के भरण पोषण के लिए चारे भूसे का भरपूर मात्रा में इंतज़ाम है व यह भी बताया कि अभी लगभग छह ट्रैक्टर (90झाल) भूसा गौवंशों के लिए खरीदा गया है जिसको भरपूर मात्रा में गौवंशों को खिलाया जा रहा है वहीं पेयजल आपूर्ति के लिए पानी की टंकी है जिसमें समर्सिबल के जरिए पानी की आपूर्ति की जा रही है व गौवंशों के लिए पेयजल की समुचित व्यवस्था है सरकार द्वारा कई महीने से गौवंशों के भरण पोषण का भुगतान नहीं किया गया है इसके बावजूद हमसे जो बन पड़ता है हम गौवंशों के लिए कर रहे हैं लेकिन गांव के कुछ ग्रामीण आपसी रंजिश के चलते मेरे द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों व गौशाला को लेकर आए दिन जिम्मेदार अधिकारियों से शिकायत करते हुए नज़र आते हैं l
गौशाला में गौवंशों के लिए चाहे जो भी इंतज़ाम हों लेकिन तीन दर्जन से ज्यादा हुई गौवंशों की मौतें व उनके बिखरे पड़े अवशेषों का मंजर देखकर कुछ अलग ही लग रहा है जिसकी जांच होनी बहुत ज़रूरी है l
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."