दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट
लखनऊ: नवाबों की नगरी से खूनी इश्क की एक अनोखी वारदात सामने आई है। इसे जानकर आपके जेहन में भी 12 साल पहले आई फिल्म ‘मेरे ब्रदर की दुल्हन’ का ये गाना दिमाग में कौंध उठेगा। शादीशुदा महिला से इश्क लड़ा रहे शख्स ने उसके पति को फंसाने के लिए ऐसा कांड कर दिया जिसमें एक बेगुनाह की जान चली गई। जानकीपुरम में राम प्रकाश पाल (45) की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि 15 दिन पहले दोस्त बने दो लोगों ने की थी। दोनों ने 6 अक्टूबर की रात पहले उसे जहर मिली शराब पिलाई, फिर गला दबाकर उसकी जान ले ली। प्रेमिका के पति को फंसाने के लिए उसके खिलाफ लिखा नोट रामप्रकाश की जेब में रखा गया था। गिरफ्तार किए गए प्रेमी को साथी के साथ शुक्रवार को जेल भेज दिया
डीसीपी नॉर्थ एसएम कासिम आब्दी ने बताया कि पकड़े गए आरोपित सीतापुर देहात कोतवाली के नरही निवासी कृष्णा अवतार और सकरन रन्धौरा मजरा कुचलईया निवासी बिरजू रैदास है। दोनों जानकीपुरम में रहकर सब्जी का ठेला लगाते थे। मुख्य आरोपित कृष्णा का सीतापुर में गांव की ही रहने वाली एक महिला से प्रेम प्रसंग था। कृष्णा कई बार प्रेमिका को लखनऊ भी बुला चुका था। प्रेमिका के पति को इस बात की भनक लगी तो उसने फोन छीन लिया और पिटाई के साथ ही घर में बंद कर दिया। इसी बात पर पिछले माह कृष्णा का प्रेमिका के पति से विवाद हुआ था। उसने साथी बिरजू के साथ प्रेमिका के पति को फंसाने की साजिश रची। दोनों एक ऐसे शख्स की ढूंढ़ने लगे जो सीतापुर जिले का रहने वाला हो।
जहर मिला शराब पिला दिया
28 सितंबर को शराब के ठेके पर उनकी मुलाकात राम प्रकाश से हुई। दोनों ने उसे टारगेट कर दोस्ती बढ़ा ली। इस बीच संतोष नाम के एक परिचित से प्रेमिका के पति के खिलाफ पत्र लिखाकर मौके की तलाश में जुट गए। 6 अक्टूबर की रात राम प्रकाश को ठेके पर ले गए। जहां बिरजू ने उसकी शराब में जहर मिला दिया। इसके बाद तीनों ने नहर रोड पर शराब पी। शराब पीते ही राम प्रकाश की तबीयत बिगड़ गई। वह गिर गया, इसपर कृष्णा ने गला घोटकर उसे मौत के घाट उतार दिया और शव वहीं छोड़कर चले गए।
मुझे कुछ हुआ तो मौत के जिम्मेदार ये होंगे
एसीपी अलीगंज आशुतोष कुमार ने बताया कि छानबीन के दौरान पुलिस को राम प्रकाश की जेब से एक नोट मिला था। उसमें सीतापुर के नरही निवासी एक शख्स और उसके दो भाइयों के नाम लिखे थे। पत्र में नंबर के साथ ये भी लिखा था कि अगर मुझे कुछ हुआ तो मेरी मौत के जिम्मेदार ये लोग ही होंगे। एसीपी ने बताया कि पत्र के आधार पर जांच टीम सीतापुर पहुंची। जहां पता चला की पत्र में लिखे तीनों नाम भाइयों के हैं, जिसमें एक तो ठीक है, जबकि दो मानसिक मंदित हैं। पुलिस ने सही वाले शख्स को रामप्रकाश का फोटो दिखाया तो उसने पहचानने से इनकार कर दिया। इसके बाद पूछताछ में कृष्णा अवतार से विवाद की बात सामने आई। पुलिस ने सर्विलांस की मदद से कृष्णा को पकड़ा। कड़ाई से पूछताछ में उसने बिरजू के साथ मिलकर हत्या की बात कबूल कर ली।
जेल में हुई थी दोस्ती
डीसीपी ने बताया कि कृष्णा हत्या के प्रयास जबकि बिरजू चोरी के आरोप में मड़ियांव से जेल में बंद था। पिछले वर्ष जेल में ही दोनों की मुलाकात हुई थी। छूटने के बाद से दोनों साथ ही रहते थे।
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Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."