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November 22, 2024 9:46 pm

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मीडिया पर एक और सरकारी प्रहार ; भड़ास मीडिया के संपादक यशवंत सिंह के साथ पुलिस की शर्मनाक कोशिश 

13 पाठकों ने अब तक पढा

दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

नई दिल्ली। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में वर्तमान समय में अधिकांश मीडिया तो सत्ता का गुलाम हो गया है। और जो कुछ एक मीडिया संस्थान और पत्रकार सरकार से सवाल करते हैं, वे न तो सरकार पूछते हैं और न ही पुलिस भी उनकी बातें सुनती है। ऐसा ही कुछ हुआ भड़ास मीडिया के संपादक और वरिष्ठ पत्रकार यशवंत सिंह के साथ। यशवंत सिंह के साथ पुलिस ने बदसालूकी की और बदतमीजी की। दरअसल, दिल्ली के भारत नगर थाने में किसी ने काम किया तो वहां मौजूद एसीपी संजीव कुमार और इंस्पेक्टर सूरज पाल ने उनके साथ बदतमीजी की। इस बात की जानकारी खुद यशवंत सिंह ने दी और उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को इस मामले में कार्रवाई के लिए पत्र भी लिखा। 

पाठकों की जानकारी के लिए पत्र का मसौदा पेश है – 

पुलिस कमिश्नर,

दिल्ली पुलिस

दिल्ली

महोदय, आज जांच के लिए मैं भारत नगर थाने पहुंचा जहां एसीपी संजीव कुमार की मौजूदगी में इंस्पेक्टर सूरज पाल ने मुझसे पूछताछ की और मेरे जवाबों को लिखवाया. बाद में मेरा आईफोन 11 जिसमें एयरटेल सिम 9999330099 है, को जांच के नाम पर जब्त कर लिया. लेकिन फोन जब्ती का कोई भी कागज, रसीद मुझे नहीं दिया है. मुझे आशंका है कि मेरे फोन का दुरुपयोग किया जा सकता है. मैं ये सब इसलिए आपके संज्ञान में ला रहा हूं क्योंकि पूछताछ करने वाले अधिकारी इंस्पेक्टर सूरजपाल का रवैया काफी उग्र और मारपीट की धमकियों वाला था. बिना जांच कंप्लीट हुए किसी को अपराधी मानकर ट्रीट करना बेहद शर्मनाक है. मैंने इससे पहले वाली मेल में जांच में सहयोग करने हेतु थाने पहुंचने और अभी तक एफआईआर की कापी न मिलने का जिक्र किया है.

मैं बताना चाहूंगा कि अभी भी मुझे एफआईआर की कापी नहीं दी गई है. फोन भी छीन लिया गया जिसके जरिए फर्जी साक्ष्य गढ़े जाने की आशंका है.

इसलिए त्वरित कार्रवाई करते हुए समुचित निर्देश देने की कृपा करें.

आभार

यशवंत सिंह, संपादक, भड़ास4मीडिया डाट काम

वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश ने टिप्पणी करते हुए इस घटना की निंदा की थी। जिसके बाद आज खुद उनके यहां दिल्ली पुलिस पहुंच गई और यहां कई ठिकानों पर छापेमारी कर थाने ले गए। इन इच्छुक मैरियों पर मांगे गए इच्छुक बेचैन सिंह ने कहा कि ये क्या हो रहा है? आख़िर इससे कुछ अलग होता है क्या? उन्होंने कहा कि जंगल को कुचलना, रचाना ही विनाश है। हम एक नए दौर में प्रवेश कर रहे हैं जहां लोकतंत्र को तानाशाही में मिलते हुए देख रहे हैं। अविश्वासियों के यहाँ नौकर और अपराधी निन्दनीय ही नहीं बल्कि हम सरकारी अधिकारियों को एक चेतावनी है। जो बोलेगा जो लिखेगा वो झेलेगा, वो पकड़ा जाएगा, प्रशिक्षित किया जाएगा।

भारतीय प्रेस पत्रकार संघ ने की निंदा

भारतीय प्रेस पत्रकार संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभय जोशी ने भड़ास के वरिष्ठ पत्रकार ऋषभ सिंह के साथ पुलिस के सहयोग और उनके मोबाइल छीनने की घटना पर सख्त शब्दों में निंदा की। जोशी ने इस घटना के विरोध और इस घटना में सभी पुलिस अधिकारियों को जिंदाबाद करने की मांग की। उन्होंने देश के रहस्य अमित शाह, दिल्ली के उपराज्यपाल एवं पुलिस कमिश्नर को इस इंसेल्स मेल एवं पत्र में अध्ययन में कहा कि ऋषभ सिंह देश के जाने माने प्रतिष्ठित वरिष्ठ पत्रकार हैं।

दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर सूरजपाल द्वारा एसीपी संजीव कुमार से पूछताछ में उनका नाम पूछा गया, जिसमें किशोर सिंह के साथ हुई बातचीत बेहद दुखद है। साथ ही बिना किसी रसीद के साथ उनके साँचे-खाना बनाना।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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