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अंतरराष्ट्रीयनेपालगंज

आखिर क्यों नेपाली व्यापारी और दुकानदार इंडियन करेंसी से तौबा कर रहे हैं ?

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मिश्रीलाल कोरी की रिपोर्ट 

नेपाल और भारत के रिश्तों में ग्रहण लगना शुरू हो चुका है। इन दिनों भारत नेपाल सीमा पर स्थित छोटे-छोटे बाजारों में हुए नए बदलाव देखकर आसानी से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। कुछ दिनों पूर्व तक नेपाल में भारतीय रुपयों की मांग रहती थी और आसानी से भारतीय करेंसी नेपाल में चलती थी। अब नेपाल में भारतीय रुपयों को एक्सचेंज करने के लिए 7 से 10 प्रतिशत तक का बट्टा/कमीशन लगना शुरू हो गया है। नेपाल में भारत के 100 रुपये तक के नोट ही स्वीकार किए जा रहे हैं। उससे बड़े नोट नहीं लिए जा रहे हैं।

ध्यान रहे कि 1957 से पहले नेपाल में भारत और नेपाल दोनों की मुद्राएं चलती थी। 1957 में नेपाल राष्ट्र बैंक की स्थापना के बाद वहां दोहरी मुद्रा की व्यवस्था को खत्म कर दिया गया और नेपाल में सिर्फ नेपाली मुद्रा ही लीगल करेंसी रही। उस वक्त पेगिंग के जरिए भारत और नेपाल की करेंसी का एक्सचेंज रेट भारतीय 100 रुपए के बदले नेपाली 160 रुपए तक कर दिया गया था। हालांकि, समय-समय पर पेगिंग की दर में बदलाव भी होते रहे।1 966 में यह 100 रुपए भारतीय मुद्रा के बदले 101 रुपये नेपाली मुद्रा तक चला गया था।

नेपाल से बेटी रोटी का संबंध

बाद में 100 रुपए भारतीय मुद्रा के बदले नेपाली मुद्रा की कीमत 160 रुपए हो गई। 1993 से दोनों मुद्राओं का पेगिंग रेट पूरी तरह स्थिर है। दोनों देशों के सीमावर्ती इलाकों में ऐसी कोई सरकारी एजेंसी नहीं है जो करेंसी एक्सचेंज की सुविधा दे। ऐसे में बड़े पैमाने पर अवैध एजेंटों का नेटवर्क विकसित हो गया है। एजेंट रोज अपने हिसाब से मुद्रा विनिमय की दर तय करते हैं। 2023 के मार्च-अप्रैल महीने में पहली दफा ऐसा हुआ कि पिछले तीस साल में भारतीय मुद्रा की विनिमय दर घटी। वहीं इस विषय पर जानकारों का मानना है कि नेपाल से भारत मे कोई महंगे सामानों की बड़े रूप में तस्करी हो रही है। जिस कारण भारतीय रुपयों की आवक नेपाल में बेतहाशा बढ़ गयी है।इन्ही कारणों से नेपाल में भारतीय रुपयों की वैल्यू घट रही है।

नेपाल-भारत के ग्रामीण परेशान

यही नही बॉर्डर इलाकों में स्थित नेपाल क्षेत्र के पेट्रोल पम्प पर भारतीय रुपयों के बदले पेट्रोल नहीं दिए जाने के नोटिस भी चस्पा किए जा रहे हैं। दुपहिया चारपहिया वाहनों की सीमा शुल्क में भी बढ़ोतरी कर दी गयी है। नेपाल में पहले भारतीय दुपहिया वाहन के प्रवेश पर 150 रुपये प्रतिदिन लगते थे, लेकिन अब 200 रुपये लगते हैं। पहले चार पहिया वाहन पर 500 रुपये लगते थे,जिसे बढ़ाकर अब 600 रुपये कर दिए गए हैं। हालांकि मालवाहक गाड़ियों पर लगने वाले प्रवेश शुल्क में कोई बदलाव नही किया गया है। वहीं नेपाल के वाहनों के भारतीय सीमा में प्रवेश पर कोई शुल्क नहीं लिया जाता है। भारत नेपाल के बीच हुए इन नए बदलाव के कारण भारतीय नागरिकों के साथ-साथ नेपाल के लोगों को भी खासा परेशानी हो रही है।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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