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November 23, 2024 8:32 am

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मंदिर की खुदाई के दौरान मिला करोड़ों रुपए का खजाना, बालू खनन माफिया हुए लेकर फरार

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कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट 

जालौन । थाना कदौरा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम बड़ागांव स्थित बेतवा नदी से महज 200 मीटर स्थित चल रही अवैध बालू खनन माफियाओं से जुड़ा हुआ मामला प्रकाश में आया है।

बताते चलें कि विगत एक वर्ष पूर्व से दबंग बालू खनन माफिया- मेहर उद्दीन उर्फ बाबा ग्राम चतेला थाना कदौरा जालौन तथा अनिल दीक्षित ग्वालियर निवासी के साथ पार्टनरशिप में अवैध रूप से बालू खदान चलाते हुए नजर आ रहे हैं। कई बार पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने कार्रवाई करते हुए खदानों को एवं गाड़ियों को सीज किया गया एवं खनन अधिकारियों पेनाल्टी लगाकर जुर्माना लगाया गया। साथ ही पुनः 24 घंटे में खदानों से बालू खनन माफियाओं का पैसों के बल कारोबार शुरू कराया गया।

मेहर उद्दीन उर्फ बाबा चतेला क्षेत्रीय लोगों से साठ-गांठ करके गरीब पीड़ित किसानों एवं ग्राम प्रधानों से षडयंत्र के पैसों कि लालच देकर जमीनों से बालू निकालने एवं पोकलैंड मशीनों से लगातार कार्य जोरों पर चल रहा है। इसी दौरान दिनांक 18/05/2023 को रात्रि में करीब 12:00 बजे के करीब मेहर उद्दीन उर्फ बाबा की पोकलैंड मशीनों से खुदाई कार्य करते समय टूढा बाबा के मंदिर को जमींदोज करते हुए लगभग 40 फिट खुदाई करते समय कोई मशीन के बाकेट से भारी भरकम चीज टकराई तो पोकलैंड आपरेटर ने मशीन को रोकने के बाद आपरेटर ने साईट पर स्थित आफिस में रह रहे मेहर उद्दीन उर्फ बाबा को सूचना देने पर मेहर उद्दीन उर्फ बाबा घटना स्थल पर पहुंचे तो लाईट की रोशनी में कुछ चमचमाता हुआ संदूक जैसे दिख रहा था। लेकिन मेहर उद्दीन उर्फ बाबा की सारी हरकतों को मंदिर का पुजारी चुपचाप देखता रहा। उसी समय मेहर उद्दीन ने अपने पार्टनर को या फिर किसी सहयोगी फोन के माध्यम से दो डाला लाने के लिए गया। जब तक डाला घटना स्थल पर नहीं पहुंचे तब सभी मशीनों को बंद करके कार्य रोक दिया गया उसके बाद लगभग 2:00 बजे के करीब सहयोगी डाला लेकर साईट पर पहुंचने पर पोकलैंड मशीनों से कार्य करने के दौरान मिला हुआ मंदिर का सोना चांदी एवं अन्य खजाना डाला लादने के दौरान मंदिर का पुजारी त्यागी महाराज घटना स्थल पर पहुंचे और हंगामा करते हुए विरोध करने लगे लेकिन पुजारी अकेले होने के नाते बालू खनन माफिया मेहर उद्दीन उर्फ बाबा के गुर्गों ने धक्का मुक्की करते हुए मारपीट करने लगे और पोकलैंड मशीन गड्डे में पुजारी को दबाने बात करने लगे। मंदिर का पुजारी बुरी तरह से बदहवास होकर अपनी जान बचाकर भागने में सफल हो गया। मंदिर के पुजारी ने रात्रि में हुई घटना की सच्चाई ग्राम बड़ागांव के रहने वाले लोगों द्वारा सारी बात बताने पर लोगों ने थाना कदौरा के क्षेत्रीय हल्का इंचार्ज को फोन के माध्यम से जानकारी दी गई लेकिन हल्का इंचार्ज ने असमर्थता व्यक्त करते हुए कहा कि एसडीएम कालपी को या फिर जिलाअधिकारी जालौन को लिखित तहरीर दो।

इस मामले की क्षेत्र में सुगबुगाहट तेज होने पर सूत्रों के हवाले से खबर मिलते ही पत्रकारों ने सबसे पहले घटनाक्रम में मौजूद चसमदीद गवाही के रूप मदिर के पुजारी के कथनाअनुसार बताया गया कि बुन्देलखण्ड की तपोभूमि बेतवा नदी पर स्थित किसी सयम में आल्हा- उदल का जिक्र करते हुए कहा कि यहां भुजरियो की लड़ाई हुआ करती थीं इसलिए यहां किसी समय में बंजारों की बस्ती हुआ करती थी और बंजारों का बनाया हुआ बहुत पुराना मंदिर टूड़ा बाबा का बना हुआ था जिसकी हम लम्बे समय पूजा अर्चना करते चले आ रहे हैं लेकिन बालू खनन माफियाओं ने रातों रात मशीनों के माध्यम मंदिर तोड़ कर गड्ढों में तब्दील करते हुए सरकार खजाने को लेकर गायब हो गए। यह बयान मंदिर के पुजारी ने पत्रकारों को दिये। उसी समय पत्रकारों ने बेतवा नदी स्थित घटना स्थल पर पहुंचकर देखा तो वहां पर मंदिर का नामोनिशान देखने को नहीं मिल सका क्योंकि मशीनों से रातों रात मिट्टी से एक बराबर कर दिया है।

जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौके पर घटना स्थल की जानकारी लेना उचित नहीं समझी। हालांकि इस सम्बन्ध में हमारा “समाचार दर्पण 24” इस बात की पुष्टि नहीं करता। यह एक जांच पड़ताल करने का विषय है यदि मंदिर से पुजारी के द्वारा स्पष्ट रूप बयानों में खजाने बात कह रहा है तो मामला गंभीर है मंदिर का खजाना सरकार की धरोहर हैं इस की जांच करना पुलिस प्रशासन जिम्मेदारी ।  दबंगों द्वारा दी जा रही जान से मारने की धमकी को लेकर पुजारी की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए मेहर उद्दीन उर्फ बाबा चतेला व पार्टनर अनिल दीक्षित ग्वालियर के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

नोट – यह खबर हमारे सहयोगी कमलेश कुमार चौधरी ने संग्रहीत किया है और इस संबंध में किसी भी विवादों की जिम्मेदारी भी श्री चौधरी की है। समाचार दर्पण 24 परिवार संपादकीय मंडल इसके किसी भी प्रकार की सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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