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November 1, 2024 8:09 pm

यूपी के नगर निगमों में योगी का बुलडोजर, सपा का निकला दम…वेस्ट यूपी में शान से खिला कमल

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दुर्गा प्रसाद शुक्ला की रिपोर्ट 

वेस्ट यूपी में में बीजेपी का कमल शान से खिला। यूपी के 17 में से 10 नगर निगम मेरठ, फिरोजाबाद, बरेली, अलीगढ़, गाजियाबाद, शाहजहांपुर, आगरा, मुरादाबाद, सहारनपुर, मथुरा-वृंदावन वेस्ट यूपी में हैं। इस सभी दस नगर निगम में बीजेपी ने परचम लहराकर संदेश दिया कि 2024 के आम चुनाव के लिए वह कितनी मजबूत है और उसकी चुनावी तैयारी पुख्ता हैं। वहीं विपक्षी दल सपा और बसपा के साथ आप और कांग्रेस एक दो जगह अपनी मजबूत पकड़ दिखाने के बाद निकाय चुनाव में नगर निगम के कमजोर साबित हुई।

जहां सांसद और पांच विधायक सपा का वह मजबूत किला धराशायी, जमानत भी नहीं बची

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सियासी तौर पर वेस्ट यूपी में सबसे मजबूत किला कहे जाने वाले मुरादाबाद में सपा अपनी जमानत भी नहीं बचा सकी। मेयर सीट (UP Nikay Chunav 2023) पर सपा के कैंडिडेट के जमानत जब्त हो गई। हालात ऐसे हो गए कि सपा के मेयर प्रत्याशी हाजी रईस उद्दीन चुनावी मुकाबले में दिखे ही नहीं। उन्हें सिर्फ 13441 वोट ही मिले, जबकि कांग्रेस यहां दूसरे नंबर पर रही।

जानिए लखनऊ में किसको कितने वोट मिले

सुषमा खर्कवाल भाजपा से 5 लाख 2 हजार 660 वोट। अंजू भट्ट, आप 25 हजार 226 वोट। वंदना मिश्र, सपा 2 लाख 98 हजार 238 वोट। शाहीन बानो, बसपा 75 हजार 997 वोट। संगीता जायसवाल, कांग्रेस 1 लाख 2 हजार 633 वोट।

इमरान मसूद का जलवा कम

सहारनपुर से नगर निगम में बीजेपी के अजय कुमार जीते हैं। वेस्ट यूपी के चर्चित मुस्लिम चेहरे और बीएसपी के वेस्ट यूपी के संयोजक इमरान मसूद का जलवा कम साबित हुआ है। इमरान मसूद ही भाभी खदीजा मसूद चुनाव लड़ी थी। वह हारी हैं। इस चुनाव में मसूद परिवार में मनमुटाव सामने आया था। इमरान मसूद की बहन जहां भाभी खदीजा के खिलाफ रही वहीं इमरान की मां पुत्रवधू के पक्ष में रही। मां ने जिताने और बहन ने हराने के लिए वीडियो जारी कर जनता से अपील भी की थी। इस फूट का असर यह रहा कि बीजेपी अपनी मजबूत चुनावी रणनीति के तहत शान से जीत गई।

प्रयागराज नगर निगम में मेयर समेत 56 पार्षद सीटों पर बीजेपी की हुई जीत

प्रयागराज में निकाय चुनाव 2023 में बीजेपी को नगर निगम की महापौर सीट सहित नगर निगम के कुल 100 वार्डों में से 56 वार्डों में जीत हासिल हुई है। शेष 44 वार्डों में से 19 निर्दलीय प्रत्याशियों ने विजयी हुए हैं। समाजवादी पार्टी के 16, कांग्रेस पार्टी के 4 वहीं बसपा के 2 पार्षद प्रत्याशी जीते हैं। एआईएमआईएम के 2 निषाद पार्टी का 1 पार्षद प्रत्याशी विजयी हुआ है।

कौशांबी जिले की 2 नगर पालिका सहित 4 पर भाजपा का कब्जा

नगर निकाय निर्वाचन के परिणाम में कौशांबी की 8 नगर पंचायत और 2 नगर पालिका परिषद की सीटों पर भाजपा ने 2 नगर पालिका समेत 4 सीटों पर जीत दर्ज की। सपा और आप पार्टी को एक-एक सीट पर संतोष करना पड़ा। निर्दल ने शेष सभी 4 सीटों पर अपना कब्जा जमा लिया है। बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस अपना खाता तक नही खोल सकी है।

कानपुर देहात अकबरपुर नगर पंचायत में सपा की जीत

कानपुर देहात की अकबरपुर नगर पंचायत में सपा प्रत्याशी दीपाली सिंह 4244 वोटों से जीत गईं। भाजपा प्रत्याशी निर्वतमान चेयरमैन ज्योत्सना कटियार को हराया है। इस सीट पर भाजपा के कई माननीयों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी थी।

फिर दोहराया इतिहास, 7वीं बार आगरा में बनी बीजेपी सरकार, हेमलता मेयर बनीं

आगरा। यूपी निकाय चुनाव में आगरा की मेयर सीट पर बीजेपी ने एक बार फिर से परचम फहराया है। बीजेपी की हेमलता दिवाकर 1 लाख 13 वोटों से विजयी हुई हैं। उन्होंने बीएसपी की लता वाल्मीकि को हराया है। बीजेपी की जीत पर चहुंओर ढोल नगाढ़े और मिठाइयां वितरित की जा रही हैं। आगरा में बीजेपी ने मेयर पद पर सातवीं बार जीत हासिल की है। बीजेपी की प्रत्याशी हेमलता दिवाकर ने बीएसपी की लता वाल्मीकि को 1 लाख 13 मतों से करारी शिकस्त दी है। पहले पांच चरणों में बीएसपी की लता करीब 21 हजार वोटों से आगे चल रही थी। जैसे वोटों की गिनती आगे बढ़ी तो बीजेपी आगे निकलती चली गई।

झांसी मेयर चुनाव में बड़े वोटों के अंतर से जीते बीजेपी प्रत्‍याशी बिहारी लाल आर्य

झांसी : नगर निगम झांसी के मेयर सीट पर भाजपा के प्रत्याशी बिहारी लाल आर्य ने 83,548 वोटों के अंतर से जीत हासिल की है। बिहारी लाल आर्य को कुल 123451 वोट मिले। दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी अरविंद कुमार बबलू रहे। उन्हें 39,903 वोट मिले। झांसी मेयर सीट पर बसपा प्रत्याशी भगवान दास फुले को 21570 वोट हासिल हुए। सपा प्रत्याशी सतीश जतारिया को 21,029 वोट, आम आदमी पार्टी के नरेश वर्मा को 5,621 वोट मिले। मेयर सीट पर 2,850 लोगों ने नोटा का बटन दबाया।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."