राकेश तिवारी की रिपोर्ट
गोरखपुर: महानगर स्थित सीआरसी में मंगलवार को वर्ल्ड डाउन सिंड्रोम डे मनाया गया। इसके अंतर्गत बच्चों के लिए पेंटिंग प्रतियोगिता, शॉर्टिंग प्रतियोगिता, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
मुख्यातिथि गोरखपुर के अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्र ने कहा कि डाउन सिंड्रोम वाले बच्चों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने में उनके अभिभावकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सीआरसी डाउन सिंड्रोम बच्चों के पुनर्वास में तकनीकी भूमिका निभाने में अग्रणी है, लेकिन दिव्यांगजनों के अभिभावकों के सहयोग के बिना संपूर्ण पुनर्वास संभव नहीं है। महानगर के जाने-माने बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सुनील कमानी ने कहा कि हमारी जीवन शैली में परिवर्तन, आहार-विहार, विलंब से विवाह आदि कारणों ने डाउन सिंड्रोम बच्चों की संख्या में वृद्धि किया है।
कोऑर्डिनेटर नीरज मधुकर ने डाउन सिंड्रोम के कारण, पहचान तथा हस्तक्षेप पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि डाउन सिंड्रोम बच्चों को उचित शिक्षण-प्रशिक्षण द्वारा समाज की मुख्यधारा में जोड़ा सकता है। संचालन नैदानिक मनोविज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक राजेश कुमार ने किया।
सह-समन्वयक अरविंद कुमार पांडे, संजय प्रताप सिंह एवं रॉबिन ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम के दौरान दर्जनों दिव्यांगजन, अभिभावक सहित सीआरसी के सभी अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
Author: samachar
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