कमलेश कुमार चौधरी की रिपोर्ट
लखनऊ: सोशल मीडिया पर एक आईपीएस अधिकारी का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कथित तौर पर वह 20 लाख रुपये मांगते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो की सत्यता की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन विपक्ष ने इसको लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने भी वीडियो ट्वीट किया है। इसे मेरठ में तैनात एक अधिकारी का बताया जा रहा है, लेकिन मेरठ पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि यह वीडियो दो वर्ष पुराना है जिसका संबंध मेरठ से नहीं है। प्रकरण के संबंध में पूर्व में ही जांच पूरी हो चुकी है।
सूत्रों का कहना है कि वायरल वीडियो 2021 में वाराणसी कमिश्नरेट में तैनात रहे एक आईपीएस का है। एक स्कूल संचालक को एक घटना में बचाने के एवज में 20 लाख रुपये मांगे गए थे। माना जा रहा है कि संचालक ने इस कॉल को रेकॉर्ड कर लिया था। मामले की उच्चस्तरीय जांच भी हुई थी। इसके बात अफसर को वहां से हटाकर इंटेलिजेंस मुख्यालय में तैनात किया गया था। कुछ समय बाद अफसर को फतेहपुर और फिर मेरठ में तैनाती दे दी गई। इस मामले में उच्चाधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
उप्र में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोज़र की दिशा उनकी तरफ़ बदलेगी या फिर फ़रार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त भाजपा सरकार ये मामला भी रफ़ा-दफ़ा करवा देगी।
उप्र की जनता देख रही है कि ये है अपराध के प्रति भाजपा की झूठी ज़ीरो टालरेंस की सच्चाई। pic.twitter.com/JsMAhzRFPU
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 12, 2023
IPS वीडियो के जरिए अखिलेश का सरकार पर निशाना
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस वीडियो के जरिए योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि उप्र में एक आईपीएस की वसूली के इस वीडियो के बाद क्या बुलडोजर की दिशा उनकी तरफ बदलेगी या फिर फरार आईपीएस की सूची में एक नाम और जोड़कर संलिप्त बीजेपी सरकार ये मामला भी रफा-दफा करवा देगी। उप्र की जनता देख रही है कि ये है अपराध के प्रति बीजेपी की झूठी जीरो टालरेंस की सच्चाई।
Author: samachar
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