डूंगरपुर के 95 वर्षीय रामा भाई और 90 वर्षीय जीवली देवी ने 70 साल लिव-इन में रहने के बाद अपने बच्चों की इच्छा पर विवाह किया। यह अनोखी प्रेम कहानी देशभर में प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
देवेंद्र गुप्ता की रिपोर्ट
राजस्थान के डूंगरपुर जिले के गलंदर गांव में एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है, जिसने न केवल समाज के बनाए ढांचे को चुनौती दी बल्कि यह भी साबित किया कि सच्चा प्यार कभी बूढ़ा नहीं होता। 95 वर्षीय रामा भाई अंगारी और 90 वर्षीय जीवली देवी ने 70 वर्षों तक बिना विवाह के साथ जीवन बिताया और अब बच्चों की इच्छा पर विधिवत सात फेरे लिए।
🌸 गांव की गलियों से शुरू हुई थी प्रेम कहानी
करीब सात दशक पहले जब दोनों की मुलाकात हुई, तब समाज में लिव-इन रिलेशनशिप जैसा कोई शब्द नहीं था। लेकिन रामा भाई और जीवली देवी ने तब भी साथ रहने का साहसिक निर्णय लिया।
रामा भाई उस समय गुजरात में कुएं खोदने और खेतों में काम करते थे, वहीं जीवली देवी माडा संस्था में हैंडलूम चलाकर सुंदर दरियां बनाती थीं। दोनों की मेहनत और सादगी ने एक-दूसरे के दिल को छू लिया।
🌿 संघर्षों के बीच खिला यह प्रेम, समाज की बंदिशों को लांघ गया।
👨👩👧👦 बिना विवाह 70 साल की साझी जिंदगी, 8 संतानों की परवरिश
इन सात दशकों के साथ में रामा भाई और जीवली देवी ने चार बेटों और चार बेटियों को जन्म दिया।
आज उनके चार बच्चे सरकारी सेवाओं में कार्यरत हैं, वहीं दो बहुएं भी सरकारी नौकरी में हैं। यह परिवार आज गांव और समाज में सम्मान और प्रेरणा का प्रतीक बन चुका है।
🌾 जीवली देवी ने जब आंखों की रोशनी कम हो गई, तब हैंडलूम का काम छोड़कर खेती में पति का साथ दिया।
🎉 बच्चों की जिद पर आखिरकार लिए सात फेरे
बुजुर्ग दंपती ने 95 और 90 वर्ष की उम्र में अपने बच्चों की इच्छा पर शादी रचाई। यह शादी गांवभर में उत्सव जैसा बन गई, जहां हर कोई इस अनोखी जोड़ी को आशीर्वाद देने आया।
गांव के मंदिर में हुए इस आयोजन ने सभी को भावुक कर दिया।
🔔 यह सिर्फ शादी नहीं, बल्कि सात दशकों के सच्चे प्रेम की औपचारिक स्वीकृति थी।
💌 सोशल मीडिया पर वायरल हुई कहानी, देशभर से मिल रही शुभकामनाएं
जैसे ही यह प्रेम कहानी सामने आई, सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। देशभर से लोग बुजुर्ग जोड़े को बधाइयां दे रहे हैं और इसे “इंसानियत और प्रेम की मिसाल” बता रहे हैं।
इस कहानी ने साबित कर दिया कि
- 👉 प्यार की कोई उम्र नहीं होती,
- 👉 न ही उसे समाज की स्वीकृति की ज़रूरत होती है—बस सच्चाई और समर्पण चाहिए।
🕊️ प्रेम, समर्पण और भरोसे की जीवंत मिसाल
रामा भाई और जीवली देवी की यह कहानी केवल एक व्यक्तिगत जीवन यात्रा नहीं, बल्कि आज के समाज के लिए प्रेरणादायक दस्तावेज़ बन चुकी है। जहां आज रिश्ते टूटने की कगार पर होते हैं, वहां सात दशक तक बिना विवाह के साथ निभाना सदियों के प्रेम ग्रंथों जैसी अनुभूति देता है।