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मार्मिक : आठ साल बाद पाकिस्तान से 426 हिंदुओं की अस्थियां भारत पहुंचीं, परिजनों की आंखें नम थीं… करेंगे गंगा में प्रवाहित 

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सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से जारी तनाव के बावजूद, धार्मिक और सांस्कृतिक संबंधों की डोर अभी भी जीवित है। इसी कड़ी में, आठ साल के लंबे इंतजार के बाद पाकिस्तान में रहने वाले 426 हिंदू परिवारों की अस्थियां भारत पहुंच चुकी हैं। इन अस्थियों को हरिद्वार ले जाया जाएगा, जहां गंगा में विधिपूर्वक इनका विसर्जन किया जाएगा। इस दौरान विशेष धार्मिक अनुष्ठान और प्रार्थनाओं का आयोजन किया जाएगा।

भारत सरकार ने दी 10 दिन की वीज़ा सुविधा

अब तक भारत सरकार केवल उन्हीं पाकिस्तानी हिंदू परिवारों को अस्थि विसर्जन के लिए वीज़ा देती थी, जिनका भारत में कोई करीबी रिश्तेदार रहता हो। लेकिन अब सरकार ने इस नियम में बदलाव करते हुए अन्य जरूरतमंद पाकिस्तानी हिंदू परिवारों को भी 10 दिन का विशेष वीज़ा जारी किया है, ताकि वे अपने पूर्वजों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित कर सकें।

यह कदम पाकिस्तान में रह रहे हिंदू समुदाय के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है, जो वर्षों से इस फैसले की प्रतीक्षा कर रहा था।

सिंध में बसे हैं अधिकतर हिंदू, श्मशान घाटों में वर्षों से रखी जा रही थीं अस्थियां

पाकिस्तान में करीब 22 लाख हिंदू रहते हैं, जिनमें से 95% सिंध प्रांत में बसते हैं। यहां रहने वाले हिंदू अपने दिवंगत परिजनों की अस्थियों को गंगा में प्रवाहित करने की परंपरा को निभाने के लिए हमेशा भारत आने की इच्छा रखते हैं। लेकिन वीज़ा की सख्त प्रक्रियाओं और दोनों देशों के बीच रिश्तों में आई कड़वाहट के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था।

करीब 400 से अधिक पाकिस्तानी हिंदुओं की अस्थियां कराची के मंदिरों और श्मशान घाटों में वर्षों से सहेज कर रखी गई थीं, क्योंकि उनके परिवारजन भारत आकर गंगा में इन्हें विसर्जित नहीं कर पा रहे थे। अब भारत सरकार के इस फैसले से उन आत्माओं को मोक्ष मिलने की उम्मीद जगी है।

कराची के श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर में विशेष प्रार्थना सभा

अस्थियों को भारत भेजने से पहले, कराची के ऐतिहासिक श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर में एक विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और अपने परिजनों को अंतिम श्रद्धांजलि दी। इस दौरान कई परिजनों की आंखें नम थीं, क्योंकि वे वर्षों से इस दिन का इंतजार कर रहे थे।

इस अवसर पर पाकिस्तान के हिंदू अधिकार समूहों और धार्मिक संगठनों ने भारत सरकार के इस फैसले का स्वागत किया और इसे धार्मिक स्वतंत्रता की दिशा में एक सकारात्मक कदम बताया।

हरिद्वार में दो सप्ताह तक होगा धार्मिक अनुष्ठान

अस्थियां भारत पहुंचने के बाद इन्हें सीधे हरिद्वार ले जाया जाएगा, जहां अगले दो सप्ताह तक विशेष धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए जाएंगे। श्रीराम नाथ मिश्रा महाराज के नेतृत्व में यह पूजा-पाठ संपन्न होगी। उन्होंने कहा, “मैं खुद को सौभाग्यशाली मानता हूं कि इस पुण्य कार्य में सहयोग कर पा रहा हूं। यह केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि आत्माओं की शांति के लिए किया जाने वाला महायज्ञ है।”

महाकुंभ के समापन तक विशेष पूजा और मंत्रोच्चारण के साथ यह अनुष्ठान चलेगा। इसके बाद, सभी अस्थियों को विधिपूर्वक हरिद्वार में गंगा नदी में प्रवाहित किया जाएगा।

2011 से 2016 के बीच सिर्फ 295 हिंदुओं की अस्थियां भारत आईं

दोनों देशों के बीच चले आ रहे तनाव और कड़े वीज़ा नियमों के कारण 2011 से 2016 के बीच केवल 295 पाकिस्तानी हिंदुओं की अस्थियां भारत आ सकी थीं। लेकिन इस बार एक साथ 426 अस्थियों को भारत लाने की अनुमति दी गई, जो अब तक की सबसे बड़ी संख्या है।

भारत सरकार के इस निर्णय से पाकिस्तान में रह रहे हिंदू परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई है। वे उम्मीद कर रहे हैं कि आगे भी यह प्रक्रिया सरल होगी, जिससे वे अपनी परंपराओं का निर्वहन बिना किसी रुकावट के कर सकें।

सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव का प्रतीक

इस फैसले से यह साबित होता है कि दोनों देशों के बीच राजनीतिक तनाव के बावजूद, सांस्कृतिक और धार्मिक जुड़ाव अब भी कायम है। यह कदम न सिर्फ धार्मिक आस्थाओं का सम्मान करता है, बल्कि मानवीय मूल्यों और परंपराओं को भी जीवित रखता है।

अब यह देखना होगा कि आने वाले वर्षों में भारत और पाकिस्तान के बीच इस तरह की धार्मिक यात्राओं को लेकर और कितनी सहजता लाई जाती है। फिलहाल, यह खबर उन सैकड़ों परिवारों के लिए राहत लेकर आई है, जो वर्षों से इस दिन की प्रतीक्षा कर रहे थे।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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