ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक महिला अपने पति द्वारा दिए गए तीन तलाक को लेकर न्याय की गुहार लगाने एसपी कार्यालय पहुंची। पीड़िता अमनजहां बुर्का पहनकर ऑफिस में दाखिल हुई और अधिकारी को देखते ही फूट-फूटकर रोने लगी। जब पुलिस अधिकारी ने रोने का कारण पूछा तो महिला ने बताया कि उसका पति अकील न सिर्फ उसके साथ मारपीट करता था, बल्कि बेटी के जन्म के बाद उसने उसे घर से भी बाहर निकाल दिया और फिर फोन पर तीन तलाक दे दिया।
क्या है पूरा मामला?
यह घटना सदर कोतवाली क्षेत्र के अकरमपुर की है, जहां की रहने वाली अमनजहां की शादी करीब 14 महीने पहले फतेहपुर चौरासी थाना क्षेत्र निवासी अकील के साथ हुई थी। शादी के बाद कुछ समय तक सब कुछ ठीक रहा, लेकिन जब अमनजहां गर्भवती हुई, तो पति और उसके परिवार का व्यवहार बदलने लगा।
पीड़िता के अनुसार, बेटी के जन्म के बाद से ही पति और ससुरालवाले उसे प्रताड़ित करने लगे। पति उसे आए दिन पीटता और ताने मारता था। पीड़िता ने बताया कि जब उसने बेटी को जन्म दिया, तो पति ने न तो उसके इलाज में कोई मदद की, न ही बेटी के जन्म पर खुशी जताई। उल्टा, उसे मारपीट कर घर से निकाल दिया।
फोन पर दिया तीन तलाक
पीड़िता ने बताया कि जब वह मायके में थी, तब दोनों परिवारों के बीच सुलह-समझौते की बात चल रही थी, लेकिन इसी बीच तीन दिन पहले पति ने उसे फोन पर तीन तलाक दे दिया। पति के इस फैसले से अमनजहां सदमे में आ गई और उसने न्याय के लिए एसपी कार्यालय का रुख किया।
पति पर लगे गंभीर आरोप
अमनजहां ने अपने पति पर कई गंभीर आरोप लगाए। उसने कहा कि उसका पति अपने भाई और भाभी की बातों में आकर उसके साथ बुरा व्यवहार करता था। जब उसने बेटी को जन्म दिया, तो पति और उसके परिवार ने उसे अपनाने से इंकार कर दिया।
पीड़िता का कहना है कि शादी को सिर्फ एक साल से कुछ अधिक समय ही हुआ था, लेकिन इस दौरान उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। अगर उसके माता-पिता उसका सहारा न बनते, तो वह कहां जाती?
पुलिस ने क्या कहा?
पीड़िता ने इस मामले में पहले भी एसपी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया था, लेकिन जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो उसने दोबारा पुलिस से गुहार लगाई। एसपी ने पीड़िता को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है और मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं।
यह मामला तीन तलाक से जुड़े उन मामलों में से एक है, जो यह दर्शाता है कि कानून बनने के बावजूद कुछ जगहों पर अब भी इसका पालन नहीं किया जा रहा है। एक नवजात बेटी की मां को सिर्फ इसलिए प्रताड़ित करना और तलाक देना, क्योंकि उसने बेटी को जन्म दिया, समाज में व्याप्त गहरी मानसिकता को दर्शाता है। पीड़िता को न्याय मिलेगा या नहीं, यह तो आने वाले दिनों में पता चलेगा, लेकिन फिलहाल, वह न्याय के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है।
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Author: जगदंबा उपाध्याय, मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की