google.com, pub-2721071185451024, DIRECT, f08c47fec0942fa0
बांदा

चप्पल ने ली तीन जानें… पहले हुए बेहोश फिर गुम हो गई सांसें… सावधान करने वाली है ये खबर

IMG-20250425-WA1484(1)
IMG-20250425-WA0826
IMG-20250502-WA0000
Light Blue Modern Hospital Brochure_20250505_010416_0000
IMG_COM_202505222101103700

सुशील कुमार मिश्रा की रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक दर्दनाक हादसा सामने आया, जिसने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। एक सूखे कुएं में गिरी चप्पल निकालने की कोशिश में तीन लोगों की जान चली गई। कुएं में जहरीली गैस होने के कारण पहले वे बेहोश हुए और फिर उनकी मौत हो गई। इस घटना के बाद इलाके में कोहराम मच गया और गांव में शोक की लहर दौड़ गई।

[the_ad id=”122669″]

कैसे हुआ हादसा?

मिली जानकारी के मुताबिक, 40 वर्षीय अनिल पटेल की चप्पल सूखे कुएं में गिर गई थी। उसे निकालने के लिए वे खुद कुएं में उतर गए। काफी देर तक बाहर न आने पर उनके परिजनों को चिंता हुई और उन्होंने कुएं के अंदर झांककर देखा। वहां अनिल बेसुध पड़े हुए थे।

अनिल को बेहोश देखकर 19 वर्षीय संदीप और 21 वर्षीय बाला वर्मा उनकी मदद के लिए कुएं में उतरे। लेकिन कुछ ही पलों में वे भी बेहोश हो गए। यह देखकर परिवार और ग्रामीण घबरा गए। तुरंत पुलिस को सूचना दी गई, जिसके बाद तीनों को कुएं से बाहर निकाला गया और अस्पताल ले जाया गया। लेकिन डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।

आप को यह भी पसंद आ सकता है  पुलिस लाइन में आयोजित साप्ताहिक परेड के दौरान पुलिस अधीक्षक ने ली सलामी

एक और मौत टल गई

हादसे के बाद जब तीनों कुएं में गिरे तो उन्हें बचाने के लिए अनिल का छोटा भाई महेंद्र पटेल भी कुएं में उतरने को तैयार हो गया। लेकिन जैसे ही वह नीचे गया, उसे घुटन महसूस होने लगी। उसने तुरंत स्थिति को भांप लिया और बाहर निकल आया। इससे उसकी जान बच गई।

इलाके में शोक की लहर

इस दुखद घटना में तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें से दो एक ही परिवार के थे, जबकि तीसरा मृतक पड़ोसी था। गांव में मातम छा गया और परिजन रो-रोकर बेहाल हो गए। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

[the_ad id=”122519″]

क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं?

सूखे कुएं, गहरे गड्ढे, टॉयलेट टंकी और नाली के चैंबर में अक्सर जहरीली गैसें भर जाती हैं। इनमें कार्बन डाइऑक्साइड, मीथेन, हाइड्रोजन सल्फाइड जैसी गैसें मौजूद होती हैं, जो इंसान के लिए घातक साबित होती हैं। जब कोई व्यक्ति इन स्थानों में उतरता है, तो ऑक्सीजन की कमी और जहरीली गैसों के प्रभाव से दम घुटने लगता है और कुछ ही मिनटों में बेहोशी आ जाती है। अगर समय रहते बाहर न निकाला जाए तो व्यक्ति की जान चली जाती है।

आप को यह भी पसंद आ सकता है  पांचवे चरण के लिए थम गया प्रचार अभियान ; राहुल, मोदी और अखिलेश जैसे धाकडों ने झोंकी पूरी ताकत

सावधानी बेहद जरूरी

इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए लोगों को गहरे और सूखे कुएं, टंकी या गड्ढों में बिना सुरक्षा उपकरण के नहीं उतरना चाहिए। पहले यह जांच करना जरूरी होता है कि वहां जहरीली गैस तो नहीं भरी है। इसके लिए जांच के लिए दीपक या आग जलाई जा सकती है—अगर वह बुझ जाए तो समझना चाहिए कि अंदर ऑक्सीजन की कमी है। इसके अलावा, ऐसी जगहों पर जाने से पहले मास्क और ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

बांदा की यह घटना लापरवाही और जागरूकता की कमी के कारण हुई एक बड़ी त्रासदी है। सिर्फ एक चप्पल निकालने की कोशिश में तीन लोगों की जान चली गई। इस तरह के हादसों से बचने के लिए हमें सतर्क रहना होगा और खतरनाक स्थानों पर जाने से पहले सुरक्षा उपायों को अपनाना होगा।

255 पाठकों ने अब तक पढा
samachardarpan24
Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

[embedyt] https://www.youtube.com/embed?listType=playlist&list=UU7V4PbrEu9I94AdP4JOd2ug&layout=gallery[/embedyt]
Tags

samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Close
Close