किरण बाणी कश्मीरी की रिपोर्ट
भारतीय राजनीति में संविधान को लेकर तीखी बहस के बीच राज्यसभा में मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण ने विवाद खड़ा कर दिया। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शाह की टिप्पणी यह दर्शाती है कि भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं में डॉ. भीमराव आंबेडकर के प्रति घृणा का भाव है। कांग्रेस ने मांग की कि अमित शाह को अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए।
राहुल गांधी और जयराम रमेश के तीखे आरोप
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “जो लोग मनुस्मृति में विश्वास रखते हैं, वे आंबेडकर से असहमत ही होंगे।” कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने शाह के राज्यसभा में दिए भाषण के कुछ अंश सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किए, जिसमें शाह विपक्ष पर तंज कसते हुए कह रहे हैं, “अभी एक फैशन हो गया है – आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर… इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”
जयराम रमेश ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “भाजपा और आरएसएस के नेताओं में बाबा साहब के नाम से भी चिढ़ है। इनके पूर्वज बाबा साहब के पुतले जलाते थे और आज ये संविधान को बदलने की बात कर रहे हैं। अमित शाह को इस अपमानजनक टिप्पणी के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए।”
अमित शाह के भाषण को बताया झूठ का पुलिंदा
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने शाह के 90 मिनट लंबे भाषण को “झूठ का पुलिंदा” बताते हुए कहा कि गृह मंत्री ने सिर्फ कांग्रेस पर हमले किए, यह कोई गंभीर भाषण नहीं था। उन्होंने कहा कि अमित शाह ने विपक्ष के नेताओं का अपमान किया और सच्चाई से दूर बातें कीं।
दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि गृह मंत्री ने पंडित जवाहरलाल नेहरू के खिलाफ बिना प्रमाणित तथ्य पेश किए। उन्होंने कहा, “अगर हम इस तरह के बयान देते तो हमसे प्रमाणिकता मांगी जाती।” उन्होंने भाजपा की ‘सबका साथ, सबका विकास’ नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्यों में मुसलमानों के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने शाह के भाषण को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्क्रिप्ट का दोहराव बताया।
मल्लिकार्जुन खरगे ने शाह को झूठा बताया
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अमित शाह के बयान को “झूठ का पुलिंदा” कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि शाह इंदिरा गांधी के प्रति शोक जताने के बावजूद कांग्रेस नेताओं के खिलाफ अपशब्द कहते हैं। खरगे ने कहा, “गृह मंत्री का भाषण लोगों को गुमराह करने की कोशिश है।”
तुष्टिकरण और मुस्लिम पर्सनल लॉ पर अमित शाह का हमला
अमित शाह ने अपने भाषण में कांग्रेस पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने सत्ता में बने रहने के लिए संविधान में मनमाने संशोधन किए।” शाह ने कांग्रेस के मुस्लिम पर्सनल लॉ के समर्थन की आलोचना करते हुए कहा कि “अगर निकाह और वारिस के लिए पर्सनल लॉ चाहिए, तो अपराध के लिए क्यों नहीं? क्या अपराध करने पर शरीया के अनुसार पत्थर मारकर मौत की सजा दी जाएगी?”
भाजपा के यूसीसी (समान नागरिक संहिता) पर विचार
शाह ने बताया कि उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने मॉडल यूसीसी (समान नागरिक संहिता) तैयार किया है और विशेषज्ञों की समीक्षा के बाद इसे पूरे देश में लागू करने की योजना है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जब भी संविधान में संशोधन किया, वह देश के हित में किया।
धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध
अमित शाह ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह मुस्लिमों को धर्म के आधार पर आरक्षण देने के लिए आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढ़ाना चाहती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक भाजपा का एक भी सांसद संसद में रहेगा, तब तक धर्म के आधार पर आरक्षण लागू नहीं होने दिया जाएगा।
कुल मिलाकर, अमित शाह के इस भाषण ने राजनीतिक हलकों में नई बहस छेड़ दी है, जहां संविधान, आंबेडकर और तुष्टिकरण की राजनीति जैसे मुद्दों पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है।