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November 21, 2024 10:29 pm

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राजी थे दुल्हा दुल्हन और बीच में फूफा ने कर दिया खेला, तो मामला, नौ महीने पर जाकर अटका… 

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट

महोबा: कम उम्र में शादी पर लगी रोक, दूल्हे को बिन दुल्हन लौटना पड़ा।

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में सोमवार को आयोजित सामूहिक विवाह सम्मेलन में एक अनोखा मामला सामने आया। श्रीनगर कस्बे के प्राचीन हनुमान मंदिर में आयोजित इस सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन में 12 जोड़ों का विवाह संपन्न होना था। हालांकि, एक दूल्हे की उम्र कम होने के कारण उसकी शादी रोक दी गई, और उसे बिना दुल्हन के ही लौटना पड़ा।

चाइल्ड लाइन की शिकायत पर हुई कार्रवाई

घटना तब सामने आई जब एक दूल्हे के रिश्तेदार, जो नाराज बताए जा रहे थे, ने चाइल्ड हेल्प लाइन टीम को दूल्हे की उम्र कम होने की सूचना दे दी। शिकायत के बाद चाइल्ड लाइन टीम, श्रीनगर थाना प्रभारी शिवपाल सिंह, और मानव तस्कर निरोधक इकाई मौके पर पहुंची। उन्होंने मौके पर ही शादी को रोकने का फैसला लिया।

दूल्हे की उम्र निकली 20 साल 4 महीने

दोनों पक्षों को थाने बुलाकर दूल्हा और दुल्हन के शैक्षिक प्रमाणपत्र और आधार कार्ड की जांच की गई। जांच में पता चला कि दूल्हे की उम्र 20 साल 4 महीने है, जो कि वैधानिक विवाह आयु 21 वर्ष से 8 महीने कम है। इस आधार पर पुलिस ने शादी को अमान्य घोषित कर दिया।

दोनों पक्षों ने दी सहमति

थाने में हुई बातचीत के बाद दोनों पक्षों ने इस बात पर सहमति जताई कि दूल्हे की उम्र 21 साल पूरी होने के बाद ही विवाह संपन्न होगा। शादी की नई तिथि तय करने के लिए अब दोनों पक्षों को कम से कम 8-9 महीने का इंतजार करना होगा।

सामूहिक विवाह सम्मेलन का उद्देश्य

गौरतलब है कि सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन समाज के कमजोर वर्गों को सहयोग और प्रोत्साहन देने के लिए किया गया था। हालांकि, इस घटना ने यह स्पष्ट किया कि वैधानिक नियमों का पालन सुनिश्चित करना कितना जरूरी है।

यह मामला एक संदेश देता है कि समाज को कानून का पालन करना चाहिए और कम उम्र में विवाह की प्रथा को समाप्त करने की दिशा में काम करना चाहिए।

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