चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भदोही सांसद विनोद बिंद द्वारा आयोजित दावत के दौरान भारी बवाल हो गया। समाज के लोगों को एकजुट करने के मकसद से यह दावत भदोही से मिर्जापुर के करसड़ा स्थित सांसद कार्यालय में आयोजित की गई थी। हालांकि, बकरे की बोटी को लेकर शुरू हुआ विवाद इतनी तेजी से बढ़ा कि दावत का माहौल हिंसा में तब्दील हो गया।
कैसे शुरू हुआ विवाद
दावत के दौरान एक युवक ने खाने के लिए अपनी प्लेट आगे बढ़ाई, लेकिन उसे सब्जी का केवल सूप ही मिला। जब उसने देखा कि उसे बकरे की बोटी नहीं मिली, तो वह बेहद नाराज हो गया। गुस्से में आकर उसने खाना परोस रहे एक लड़के को जोरदार थप्पड़ जड़ दिया। इस अप्रत्याशित थप्पड़ के बाद माहौल तेजी से बिगड़ गया और दोनों युवकों के बीच मारपीट शुरू हो गई। देखते ही देखते, वहां मौजूद अन्य लोग भी इस झगड़े का हिस्सा बन गए और पूरी दावत में अफरातफरी मच गई।
दावत में जमकर हुई मारपीट
झगड़े में शामिल लोगों ने बाल्टी और अन्य बर्तनों से एक-दूसरे पर हमला कर दिया। इस दौरान कई लोगों के सिर फट गए और कई को हाथ-पैर में गंभीर चोटें आईं। हंगामा इतना बढ़ गया कि वहां मौजूद लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कुछ देर तक अफरातफरी का माहौल बना रहा, जिसके बाद लोगों ने मिलकर किसी तरह स्थिति को शांत कराया।
200 मेहमानों की जगह पहुंचे 1000 लोग
इस घटना के बारे में सांसद विनोद बिंद के प्रतिनिधि उमा बिंद ने मीडिया को जानकारी दी। उमा बिंद के मुताबिक, मझवां विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर बिंद समाज को एकजुट करने के लिए यह दावत रखी गई थी। इस दावत में केवल 200 लोगों को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उम्मीद से कहीं ज्यादा भीड़ उमड़ पड़ी। उमा बिंद ने आरोप लगाया कि लगभग 1000 लोग वहां पहुंच गए थे, जिनमें से कई को आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने दावा किया कि ये अनियंत्रित भीड़ विपक्ष की चाल का नतीजा है, जिसमें शराब पीकर हंगामा खड़ा किया गया।
दावत को रोककर फिर से शुरू किया गया
घटना के बाद उमा बिंद ने बताया कि सांसद विनोद बिंद केवल 10 मिनट तक कार्यक्रम में रुके थे और उनके जाते ही माहौल बिगड़ने लगा। हंगामा उनके जाने के करीब एक घंटे बाद शुरू हुआ। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कुछ देर के लिए दावत को बंद करना पड़ा। हालांकि, बाद में माहौल शांत होने के बाद दावत को दोबारा शुरू किया गया।
राजनीतिक सरगर्मियां तेज
यह घटना मिर्जापुर के मझवां विधानसभा सीट पर उपचुनाव के ठीक पहले सामने आई है। विनोद बिंद, जो पहले मझवां सीट से विधायक थे, उनके सांसद बनने के बाद यह सीट खाली हो गई थी। ऐसे में बिंद समाज को लामबंद करने के लिए इस दावत का आयोजन किया गया था। लेकिन इस अप्रिय घटना ने राजनीतिक सरगर्मियों को और तेज कर दिया है। उमा बिंद के बयान से साफ है कि बीजेपी इसे विपक्ष की साजिश मान रही है, जबकि विपक्ष इसे बीजेपी की आयोजन क्षमता पर सवाल उठा रहा है।
इस घटना ने दावत और राजनीति के आपसी संबंधों पर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। अब देखना होगा कि इस घटना का आने वाले उपचुनावों पर क्या असर पड़ता है।