चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
आगरा। उत्तर प्रदेश के शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का एक और मामला सामने आया है, जहां एक सहायक शिक्षक से घूस लेने के आरोप में मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक (माध्यमिक) को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। यह मामला तब उजागर हुआ जब सहायक शिक्षक अजयपाल सिंह ने विजिलेंस टीम को इसकी सूचना दी और उन्होंने घूस की मांग की रिकॉर्डिंग भी उपलब्ध कराई।
मिठाई के बहाने घूस की मांग
शनिवार दोपहर सहायक शिक्षक अजयपाल सिंह को मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक के नोटिस पर जांच समिति के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया था। जब वह वहां पहुंचे तो उन्हें एक बाबू ने शाम को मिठाई लेकर आने को कहा।
‘मिठाई’ से बाबू का मतलब घूस की रकम से था। अजयपाल सिंह जब शिक्षा भवन से बाहर निकले, तब विजिलेंस टीम ने अपने जाल बिछा दिया और शाम को फिर से कार्रवाई के लिए तैयार हो गई।
घूस की मांग की रिकॉर्डिंग
अजयपाल सिंह ने बताया कि उनकी नियुक्ति से संबंधित जांच में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी। इसके बावजूद मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक ने फरवरी 2024 से फाइल को रोक रखा था। कई बार चक्कर लगाने के बाद, स्टेनो के माध्यम से अजयपाल को बताया गया कि 10 लाख रुपये की घूस देने पर ही उनकी फाइल निस्तारित की जाएगी। अजयपाल ने इस बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली और विजिलेंस टीम को इसकी सूचना दी।
विजिलेंस की कार्रवाई
विजिलेंस टीम को पता चला कि मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक और उनके कर्मचारी देर शाम तक कार्यालय में रुकते थे और उसी समय घूस का लेनदेन होता था।
अजयपाल सिंह द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर, विजिलेंस टीम ने एक सप्ताह तक शिक्षा भवन में छानबीन की। आखिरकार, शनिवार की शाम को अजयपाल घूस की रकम और मिठाई के दो डिब्बे लेकर निदेशक से मिले। जैसे ही उन्होंने घूस की रकम सौंपी, विजिलेंस टीम ने उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
भागने की कोशिश और फाइल जब्त
इस कार्रवाई के दौरान, एक बाबू, जो कि घूस लेने के मामले में शामिल था, कार्यालय से भागने की कोशिश की। उसे जैसे ही पता चला कि अधिकारी को गिरफ्तार किया गया है, उसने कार्यालय पर ताला लगाकर भागने की कोशिश की। हालांकि, विजिलेंस टीम ने उसे पकड़ लिया और फाइल को अपने कब्जे में ले लिया।
और भी शिकायतें आईं सामने
रात में दो और शिक्षक विजिलेंस कार्यालय पहुंचे और उन्होंने भी आरोप लगाया कि उन्होंने घूस दी थी, फिर भी उनका काम नहीं हुआ। एक ने डेढ़ लाख और दूसरे ने 50 हजार रुपये देने का दावा किया। विजिलेंस एसपी शगुन गौतम ने बताया कि इन नए आरोपों की भी जांच की जाएगी और मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक की आय से अधिक संपत्ति की भी जांच की जाएगी।
शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की अधिक शिकायतें
विजिलेंस में आने वाली भ्रष्टाचार की शिकायतों में सबसे अधिक शिकायतें शिक्षा विभाग की होती हैं। पिछले वर्ष भेजी गई 33 जांचों में से 10 शिक्षा विभाग की थीं, जबकि 62 प्रचलित जांचों में 16 मामले शिक्षा विभाग से संबंधित हैं।
इस मामले ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं। इस प्रकार के मामलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई न केवल जरूरी है, बल्कि शिक्षा प्रणाली की साख को बचाने के लिए अनिवार्य भी है।
Author: samachar
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