आगरा में बिरयानी विक्रेता की हत्या के बाद वीडियो वायरल कर आतंकी हमले का बदला बताया गया। पुलिस ने रंजिश से जुड़ा सच उजागर किया। तीन आरोपी पकड़े गए, मुख्य अभियुक्त पुष्पेंद्र फरार।
ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
आगरा, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के ठीक अगले दिन आगरा में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई। ताजगंज क्षेत्र में बिरयानी विक्रेता गुलफान अली की 23 अप्रैल की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हत्याकांड के अगले दिन दो युवकों का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने खुद को पहलगाम हमले का बदला लेने वाला बताते हुए “2600 के बदले 26” लोगों को मारने की धमकी दी।
पुरानी रंजिश को दिया गया आतंकवाद का रंग
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह हत्या किसी आतंकी भावना से नहीं, बल्कि व्यक्तिगत दुश्मनी के चलते की गई थी।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के अनुसार, मुख्य आरोपी पुष्पेंद्र बघेल का गुलफान अली और सैफ अली से पुराना विवाद था। इस रंजिश का बदला लेने के लिए पुष्पेंद्र, शिवम बघेल और प्रयांशु यादव ने 23 अप्रैल की रात 11:45 बजे हमला किया। गुलफान की सीने में गोली लगने से मौत हो गई, जबकि सैफ अली घायल हो गए।
वायरल वीडियो से फैलाई गई सांप्रदायिक अफवाह
हत्या के अगले ही दिन, 24 अप्रैल को पुष्पेंद्र और शिवम ने एक वीडियो जारी किया।
इस वीडियो में उन्होंने खुद को क्षत्रिय गौरक्षा दल का सदस्य बताया और पहलगाम की घटना का बदला लेने की बात कहते हुए 2600 लोगों को मारने की धमकी दी। वीडियो को मनोज चौधरी उर्फ मनोज चाहर ने अपने इंस्टाग्राम पर अपलोड किया।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि ‘क्षत्रिय गौरक्षा दल’ नाम से कोई वैध संगठन मौजूद नहीं है और यह नाम केवल समाज में सांप्रदायिक तनाव फैलाने के उद्देश्य से प्रयोग किया गया।
मुठभेड़ में दो आरोपी घायल, मुख्य अभियुक्त फरार
घटना के बाद चारों आरोपी जयपुर भाग गए थे। 29 अप्रैल को पुलिस ने इनर रिंग रोड के पास मुठभेड़ में शिवम बघेल और प्रयांशु यादव को गिरफ्तार किया, जिनके पैरों में गोली लगी। मुठभेड़ में एक पुलिस कांस्टेबल भी घायल हुआ।
मनोज चौधरी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। हालांकि, मुख्य आरोपी पुष्पेंद्र बघेल अभी भी फरार है।
पुलिस टीम को ₹25,000 का इनाम दिया गया है, और कमिश्नर ने भरोसा जताया है कि फरार आरोपी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
समाज में तनाव फैलाने की साजिश नाकाम
इस पूरे घटनाक्रम ने दिखाया कि कैसे कुछ शातिर अपराधी व्यक्तिगत दुश्मनी को आतंकवादी घटनाओं का रूप देकर समाज में तनाव फैलाने की कोशिश करते हैं। पुलिस की सतर्कता से यह साजिश उजागर हो गई है और अधिकांश आरोपी अब गिरफ्त में हैं।