धर्मेंद्र कुमार की रिपोर्ट
बांदा। महुआ ब्लॉक के अंतर्गत अर्जुनाह में स्थित अस्थायी गौशाला की स्थिति अत्यंत दयनीय और चिंताजनक बनी हुई है। गौशाला में रह रहे गौवंशों की हालत बदतर हो चुकी है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी और प्रशासन इस गंभीर मुद्दे से बेपरवाह नजर आ रहे हैं।
विश्व हिंदू गौ रक्षा समिति के जिला प्रवक्ता उमेश तिवारी और तहसील सह-संयोजक अमन करवरिया जब मौके पर पहुंचे, तो उन्होंने गौशाला की दुर्दशा को अपनी आंखों से देखा। वहां मौजूद गौवंश जमीन पर पड़े सूखे पुआल को खाने को मजबूर थे। गौशाला में ना तो चारे की पर्याप्त व्यवस्था थी और ना ही सफाई का कोई ध्यान रखा गया था।
मृत गौवंशों के शवों से उठ रही बदबू
गौशाला के पास मुक्तिधाम के पास खुले गड्ढों में मृत गौवंशों के शव फेंके गए थे, जिससे वहां दूर तक दुर्गंध फैल रही थी। यह स्थिति न केवल राहगीरों के लिए असुविधाजनक थी, बल्कि यह प्रशासन की घोर लापरवाही को भी उजागर कर रही थी।
गौशाला में अव्यवस्था का बोलबाला
गौशाला की देखरेख के लिए केवल एक ही केयरटेकर मौजूद था, जबकि उसे यह जिम्मेदारी निभाने के लिए तीन लोगों की सहायता मिलनी चाहिए थी। जब इस मामले पर गौशाला के सचिव प्रेम नारायण कुशवाहा से सवाल किया गया, तो उन्होंने बताया कि गौशाला में करीब 300 गौवंश हैं। लेकिन जब जिला प्रवक्ता ने मौके पर गिनती करवाई तो केवल 190 गौवंश ही मौजूद पाए गए।
गौवंशों की संख्या में भारी कमी – कहां गए 100 गायें?
गौशाला में दर्ज आंकड़ों और वास्तविक स्थिति के बीच यह बड़ा अंतर कई सवाल खड़े करता है। यह अंदेशा जताया जा रहा है कि गायें या तो मृत हो गईं, या फिर गायब कर दी गईं। ऐसी स्थिति में गौ तस्करी की आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता।
गौशाला में साफ-सफाई का बुरा हाल
गौशाला की साफ-सफाई की स्थिति अत्यंत खराब पाई गई। वहां की पानी की टंकी महीनों से साफ नहीं की गई थी। जगह-जगह गंदगी फैली हुई थी, जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना हुआ है। गौशाला में पर्याप्त चारे और पानी की व्यवस्था न होने के कारण वहां रह रहे गौवंश असहनीय पीड़ा झेल रहे हैं।
गौरक्षा के नाम पर हो रही अनदेखी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गौ संरक्षण और गौ सेवा के लिए विशेष प्रयास कर रहे हैं। लेकिन अर्जुनाह की यह गौशाला सरकारी निर्देशों की धज्जियां उड़ाती हुई नजर आ रही है। जब गौरक्षक मौके पर मौजूद थे, तब भी गौवंशों को पर्याप्त चारा नहीं दिया गया, जिससे इस गौशाला की बदहाली का अंदाजा लगाया जा सकता है।
जिम्मेदारों पर हो कार्रवाई – विश्व हिंदू गौ रक्षा समिति की मांग
गौ रक्षा समिति ने इस लापरवाही के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। समिति ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि गौशाला के सचिव और अन्य जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। साथ ही, गौशाला में रह रहे गौवंशों के लिए चारा, पानी और उचित देखभाल की तत्काल व्यवस्था की जाए।
यह घटना यह साबित करती है कि गौशाला केवल नाम की गौशाला बनकर रह गई है, जहां गौवंशों की देखभाल की कोई जिम्मेदारी नहीं ली जा रही। यदि इस मामले में जल्द ही ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो यह उत्तर प्रदेश में गौ संरक्षण के प्रयासों पर भी सवाल खड़ा करेगा।
Author: मुख्य व्यवसाय प्रभारी
जिद है दुनिया जीतने की