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बलिया

बढ़ते जलस्तर, उफान पर नदियां, बाढ़ का रौद्र रूप जारी, इन जिलों में बढ़ा खतरा

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जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट

बलिया जिले में प्रदेश की कई नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण बाढ़ की विभीषिका जारी है। शनिवार शाम तक सैकड़ों गांव बाढ़ से घिरे हुए हैं और हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर बाढ़ राहत पहुंचाने और बचाव का कार्य तेजी से चल रहा है। 

मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, प्रदेश में मानसून अब कमजोर पड़ेगा और दो दिन बाद भारी बारिश का सिलसिला थमेगा। अगले एक सप्ताह में केवल छिटपुट बारिश होने की संभावना है।

राप्ती नदी का जलस्तर नेपाल के बैराजों से पानी छोड़े जाने और भारी बारिश की वजह से लगातार बढ़ रहा है। श्रावस्ती, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर और गोरखपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।

घाघरा नदी बहराइच के बी.के.घाट पर बढ़ रही है लेकिन अभी खतरे के निशान से नीचे है। शारदा नदी लखीमपुर खीरी में और सुहेली नदी मोतीपुर लखीमपुर खीरी में बढ़ रही है।

गंगा नदी का जलस्तर भी कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, रायबरेली, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में बढ़ रहा है।

बलिया, मऊ और आजमगढ़ में बहने वाली सरयू नदी का जलस्तर शनिवार को स्थिर हो गया है। पिछले एक सप्ताह से तीनों जिलों में जलस्तर बढ़ता रहा था। बलिया में नदी अभी भी खतरा बिंदु से 29 सेमी ऊपर बह रही है।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, शनिवार की शाम चार बजे जलस्तर 64.300 मीटर रिकॉर्ड किया गया, जो खतरे के निशान 64.010 से 29 सेमी अधिक है। मऊ में पिछले 24 घंटे में जलस्तर में 10 सेमी की कमी दर्ज की गई है। यहां नदी अभी भी खतरे के निशान से 25 सेमी ऊपर बह रही है।

आजमगढ़ में भी जलस्तर स्थिर है। तीनों जिलों में कटान तेजी से हो रही है और एक दर्जन से अधिक मकान और संपर्क मार्ग पानी में समा चुके हैं। प्रशासन संभावित बाढ़ के खतरे से निपटने के लिए एहतियाती उपाय में जुटा है।

गोमती नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण लगभग आधा दर्जन गांवों के नागरिकों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

सुल्तानपुर, बहादुरपुर, लासा अकडरिया कला, अकडरिया खुर्द, दुघरा जमखनवा और हरदा गांव के सैकड़ों किसानों की फसलें जलमग्न हो गई हैं। खेतों में हरा चारा होने के बावजूद मवेशियों तक नहीं पहुंच पा रहा है। किसानों की धान की नर्सरी और नकदी फसलें भी पानी में डूब गई हैं, जिससे किसानों का हजारों का नुकसान हो गया है।

बढ़ते जलस्तर के कारण बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है। इसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने हरदा कॉलोनी उप स्वास्थ्य केंद्र पर बाढ़ राहत शिविर खोला है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीकेटी के अधीक्षक जेपी सिंह ने बताया कि शुक्रवार को मरीजों को दवा बांटी गई। स्वास्थ्य कर्मी गांव-गांव जाकर मरीजों को दवा वितरित करेंगे, लेकिन अकडरिया कला के लोगों ने बताया कि गांव में दवा देने कोई स्वास्थ्य कर्मी नहीं पहुंचा।

इस बढ़ते जलस्तर ने न केवल किसानों की फसलों को बर्बाद कर दिया है, बल्कि उनके जीवन पर भी गंभीर प्रभाव डाला है। प्रशासन से उचित कदम उठाने और मुआवजे की मांग की जा रही है, ताकि इन किसानों को राहत मिल सके।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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