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चित्रकूट

ग्राम प्रधान द्वारा अमृत सरोवर की बेची जा रही मिट्टी… मिट्टी देने के नाम पर रेलवे ठेकेदार से ग्राम प्रधान ने वसूली मोटी रकम

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट. जल संरक्षण के लिए चलाई जा रही सरकार की महत्वाकांक्षी अमृत सरोवर योजना विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है अमृत सरोवरों का काम भी अधूरा पड़ा है और अवस्थाओं का अंबार लगा हुआ है मजदूरों को रोजगार न देते हुए ट्रैक्टर और जेसीबी मशीनों से कार्य कराए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर फर्जी मास्टर रोल भरकर मजदूरों के नाम मजदूरी का भुगतान किया जा रहा है l

इस कार्य के जिम्मेदार ग्राम प्रधान, सचिव व तकनीकी सहायक विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन का बंदरबाट करते हुए नजर आ रहे हैं तालाबों में पानी का स्टोरेज नहीं हो सका है वहीं तालाबों के समीप लाखों की लागत से कराए गए पौधों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है l

जल संरक्षण व पुराने तालाबों के जीर्णोद्धार के लिए शासन की ओर से वृहद स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में अमृत सरोवर विकसित किया जा रहे हैं लेकिन ज्यादातर अमृत सरोवरों का काम कागजों में ही नजर आ रहा है इन अमृत सरोवरों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है शासन के निर्देशानुसार सभी अमृत सरोवरों के चारों ओर वॉकिंग एरिया, ध्वजारोहण के लिए फाउंडेशन, चारों ओर पौध रोपण,बैठने के लिए सीट व इंटरलॉकिंग खड़ंजा आदि का निर्माण कार्य होना है जिसमें अमृत सरोवरों के निर्माण कार्य में लाखों रुपए खर्च किया जा रहा है लेकिन इन अमृतसरों में बैठने के लिए सीट तक नहीं है इंटरलॉकिंग का कार्य भी अधूरा पड़ा हुआ है वही जिम्मेदारों द्वारा अमृत सरोवर के कच्चे कार्य पूर्ण व पक्के कार्य पूर्ण होने का दावा भले किया जा रहा है लेकिन जमीनी हकीकत में यह दावे फेल होते हुए नजर आ रहे हैं कच्चे कार्यों की बात की जाए तो कई सरोवरों पर खुदाई कार्य व कई जगहों पर इनलेट आउटलेट आदि का कार्य जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं देता है इन सरोवरों पर वॉकिंग एरिया निर्माण, पौधारोपण ,बैठने के लिए सीट आदि नहीं दिखाई देती है और इंटरलॉकिंग खड़ंजा का निर्माण कार्य भी अधूरा पड़ा हुआ है वही निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाली सामग्री भी मानक विहीन लगाई जा रही है जिसके कारण यह निर्माण कार्य समयावधि से पहले ही ध्वस्त होने लगे हैं l

ऐसा ही कुछ मामला देखने को मिला है सदर ब्लाक कर्वी की ग्राम पंचायत रेहुंटिया का l

ग्राम पंचायत रेहुंटिया के बजरंगबली अमृत सरोवर के निर्माण कार्य में ग्राम प्रधान व सचिव की मिली भगत से सरकारी धन का मनमानी तरीके से बंदरबाट किया गया है जहां पर बिना कार्य कराए ही लाखों रुपए का भुगतान किया गया है सिर्फ कागजी कोरम पूरा कर सरकारी धन को ठिकाने लगाने का काम किया गया है l

ग्राम पंचायत में स्थित बजरंगबली अमृत सरोवर में जहां मनरेगा योजना से कराए गए कार्यों में घोर धांधली की गई है वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान द्वारा लाखों रुपए की मिट्टी बेचने का काम किया गया है जिसके कारण इस तालाब की खुदाई बड़ी मात्रा में की गई है व तालाब को एक गहरे कुंड के रूप में तब्दील कर दिया गया है जो आने वाले समय में नन्हे मुन्ने नवनिहालों के लिए घातक साबित होगा।

ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि इसी तालाब में कजली महोत्सव के दौरान कजली का विसर्जन किया जाता है जिसके विसर्जन में छोटे-छोटे नन्हे मुन्ने नवनिहाल बच्चे और बच्चियों आते हैं लेकिन इस तालाब की खुदाई हो जाने के कारण इन नन्हे मुन्ने नव निहालों के जीवन पर एक बड़ा संकट मडराता हुआ नजर आ रहा है वही इस तालाब के चारों ओर कैथा के फलदार वृक्ष लगे हुए हैं जिनके फल खाने के लिए नन्हे मुन्ने नौनिहाल आते रहते हैं जो कभी भी इस तालाब में गिरकर मौत के आगोश में समा सकते हैं l

वही तालाब पर वृक्षारोपण के नाम पर लाखों रुपए निकाले गए हैं लेकिन सही तरीके से देखरेख नहीं किए जाने के कारण यह पोधे नष्ट होते दिखाई दे रहे हैं। 

सूत्रों के अनुसार पता चला है कि ग्राम प्रधान ने रेलवे ठेकेदार से मोटी रकम वसूलते हुए चोरी से मिट्टी बेचने का काम किया गया है और यह मिट्टी रेलवे के विस्तारीकरण के कार्य में लगाई जा रही है ग्राम प्रधान द्वारा सरकारी निर्देशों को दर किनार कर इस तालाब की मिट्टी बेची गई है व नन्हे मुन्ने नौनिहालों सहित आम जनमानस के जीवन के साथ खिलवाड़ करने का काम किया गया है l

वहीं इस अमृत सरोवर के बगल में बजरंगबली का मंदिर है जहां पर गांव के लोग बड़ी मात्रा में इस मंदिर में श्रद्धा सुमन अर्पित करने आते हैं जहां पर उनकी भी जान को खतरा मडराता हुआ नजर आ रहा है l

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सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि एक तरफ जहां सरकार द्वारा सरकार तालाबों के सुंदरीकरण के नाम पर लाखों रुपए की धनराशि देकर अमृत सरोवरों का निर्माण कराया जा रहा है वहीं दूसरी ओर ग्राम प्रधान व सचिव व तकनीकी सहायक की मिलीभगत से अमृत सरोवरों के निर्माण कार्य के नाम पर सरकारी धन का मनमाने तरीके से बंदरबाट किया जा रहा है वही जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा भी इन कार्यों का बिना स्थल निरीक्षण किए ही भुगतान करने का काम किया जा रहा है l

अब देखना यह है कि जिला प्रशासन ग्राम पंचायत रेहुंटिया स्थित बजरंगबली अमृत सरोवर में मनरेगा योजना के तहत कराए गए कार्यों व इस अमृत सरोवर से बेची गई मिट्टी की जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही करने का काम किया जाएगा या फिर ग्राम प्रधान द्वारा ऐसे ही सरकारी तालाब की मिट्टी बेचकर मोटी रकम वसूलने का काम किया जाएगा l

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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