सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में छोटे-बड़े अपराधियों पर बुलडोजर चलाने वाली पुलिस अब तक 121 मौतों के जिम्मेदार बाबा भोले के खिलाफ एक भी मामला दर्ज नहीं कर पाई है। जो मामला दर्ज हुआ है, वह बाबा पर नहीं बल्कि सत्संग के आयोजकों पर हुआ है। अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और सभी आरोपी फरार हैं, यहां तक कि बाबा भी। बुलडोजर चलाने वाले वे ड्राइवर भी गायब हैं, जिन्होंने अब तक किसी भी आरोपी के घर का एक हिस्सा भी नहीं तोड़ा है।
क्या इसे हत्या नहीं कहेंगे?
इस भगदड़ में 121 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हुए हैं। प्रशासन इसे दुर्घटना मानता है, लेकिन यह हादसा नहीं बल्कि हत्या प्रतीत होती है। इतने बड़े आयोजन में कोई व्यवस्था नहीं थी – न पर्याप्त पुलिस, न एम्बुलेंस, न फायर ब्रिगेड। 80 हजार लोगों की परमिशन थी, लेकिन 2.5 लाख लोग आ गए। प्रशासन और बाबा के अनुयायियों ने इसे रोकने का कोई प्रयास नहीं किया। नतीजा, भगदड़ मच गई जिसमें लोग एक-दूसरे पर गिरते गए, लाशें बिछती गईं और प्रशासन मूक दर्शक बना रहा।
इस हादसे के लिए जिम्मेदार कौन है? बाबा सूरजपाल जाटव, जिसने खुद को बाबा घोषित किया है, लेकिन पुलिस-प्रशासन की नजर में वह जिम्मेदार नहीं है। एफआईआर में उसका नाम नहीं है, लेकिन वह अभी भी फरार है। मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर का नाम एफआईआर में है, लेकिन बाकी जिम्मेदारों के नाम पुलिस ने अब तक खोजे नहीं हैं और सब के सब अज्ञात में हैं। जबकि कार्यक्रम के लिए जारी किए गए पोस्टर में महेश चंद्र, अनार सिंह, संजू यादव, चंद्रदेव और रामप्रकाश जैसे आयोजकों के नाम स्पष्ट रूप से लिखे थे।
BNS की कौन सी धाराएं लगी हैं?
एफआईआर में बीएनएस की धारा 105 (गैरइरादतन हत्या), बीएनएस 110 (ऐसी परिस्थितियां बनाना जिससे किसी की मौत हो जाए), बीएनएस 126 (2) (लोगों को रुकने पर मजबूर करना), बीएनएस 223 (सरकारी आदेशों की अवहेलना करना) और बीएनएस 238 (सबूत मिटाना और गलत जानकारी देना) की धाराएं लगाई गई हैं। इसमें साफ कहा गया है कि भगदड़ होने की स्थिति में आयोजकों और सेवादारों ने कोई मदद नहीं की और भाग गए।
हाथरस के एसडीएम और पुलिस विभाग के सब इंस्पेक्टर की रिपोर्टों में भी कहा गया है कि कार्यक्रम के आयोजकों और बाबा के सेवादारों ने ही भीड़ से धक्का-मुक्की की, जिससे लोग गिर गए और मरते चले गए। लेकिन बावजूद इसके, बाबा के खिलाफ कोई एफआईआर नहीं है।
एटा में बुलडोजर ने किया था ब्रेक डांस!
ऐसे में, एटा में लोकसभा चुनाव के दौरान बुलडोजरों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में ब्रेक डांस किया था, लेकिन अब तक 121 लोगों की मौत के बावजूद बुलडोजर बाबा के किसी आश्रम या सेवादारों के घर की तरफ नहीं गए हैं। क्यों? इसका जवाब शायद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही दे सकते हैं।
Author: samachar
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