अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
अयोध्या के राम मंदिर में हुई इस दुखद घटना ने सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। बुधवार सुबह 5.25 बजे राम मंदिर परिसर में गोली चलने की आवाज सुनाई दी। साथी सुरक्षाकर्मी तुरंत मौके पर पहुंचे और देखा कि एक जवान को गोली लगी थी। उसे तत्काल हॉस्पिटल ले जाया गया और फिर वहां से ट्रामा सेंटर रेफर किया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस मामले की जांच कर रही है कि यह घटना कैसे घटी और गोली चलने के पीछे का कारण क्या था। इस घटना से सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की आवश्यकता पर भी जोर दिया जा रहा है। मंदिर परिसर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में ऐसी घटनाओं का होना चिंताजनक है और सुरक्षा उपायों को और कड़ा करने की जरूरत को उजागर करता है।
अयोध्या के राम मंदिर में जवान की मौत की सूचना मिलते ही आईजी और एसएसपी मौके पर पहुंचे और घटनास्थल की जांच की। फॉरेंसिक टीम ने भी मौके पर पहुंचकर जांच की। शुरुआती जांच में पुलिस का मानना है कि यह आत्महत्या या हादसा हो सकता है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और जांच के बाद ही गोली चलने की वजह स्पष्ट हो पाएगी।
जवान का नाम शत्रुघ्न विश्वकर्मा है, जो अंबेडकरनगर के थाना सम्मनपुर के गांव कजपुरा का रहने वाला था और 2019 बैच का था। साथियों के अनुसार, घटना से पहले शत्रुघ्न मोबाइल देख रहा था और वह कुछ दिनों से परेशान चल रहा था। पुलिस ने जवान के परिवार को सूचना दे दी है और परिजन मौके पर पहुंच गए हैं।
यह पहली बार नहीं है जब राम मंदिर परिसर में किसी सुरक्षा कर्मी को गोली लगी हो। मार्च में भी एक PAC प्लाटून कमांडर राम प्रसाद की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत हो गई थी। वह अमेठी का रहने वाला था।
योगी सरकार ने चार साल पहले स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स (SSF) का गठन किया था। एसएसएफ को बिना वारंट गिरफ्तारी, घर की तलाशी जैसी अनेक असीमित अधिकार प्राप्त हैं। इस फोर्स का नेतृत्व एडीजी स्तर का अधिकारी करता है।
Author: samachar
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