Explore

Search
Close this search box.

Search

November 22, 2024 11:08 pm

लेटेस्ट न्यूज़

एनकाउंटर में मौत का दावा, तीन शादियां, हिस्ट्रीशीटर से संसद के रास्ते जेल में जाने वाले इस बाहुबली के गज़ब किस्से हैं

13 पाठकों ने अब तक पढा

सर्वेश द्विवेदी की रिपोर्ट

पूर्व सांसद बाहुबली धनंजय सिंह को जौनपुर की विशेष अदालत ने अपहरण और रंगदारी के मामले में सात साल की सजा सुनाई है। पिछले तीन दशक में दर्जनों आपराधिक मामलों में नाम आने, भगोड़ा घोषित होने, कई बार जेल जाने, हिस्ट्रीशीटर से गैंगस्टर तक में नामित होने वाले धनंजय सिंह को पहली बार किसी मामले में सजा सुनाई गई है।

एक बार तो भदोही पुलिस ने किसी और को मारकर धनंजय सिंह का एनकाउंटर करने का दावा कर दिया था। इस बीच धनंजय सिंह ने एक दो नहीं तीन शादियां कीं। अपने समर्थकों की फौज भी तैयार कर ली। बिना किसी दल के चुनावी मैदान में उतरे और विधायक भी बन गए। बसपा का साथ मिला तो संसद तक का सफर तय कर लिया। अगर कहें कि धनंजय सिंह का पूरा सफर ही बॉलीवुड की किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है तो गलत नहीं होगा। 

जौनपुर के बनसफा में सामान्य परिवार में जन्मे धनंजय ने जौनपुर के टीडी कॉलेज से छात्र राजनीति की शुरुआत की। यहां से राजधानी लखनऊ पहुंचे और लखनऊ विश्वविद्यालय में मंडल कमीशन की रिपोर्ट का विरोध कर छात्र राजनीति को धार दी। 

लखनऊ विश्वविद्यालय में ही एक नेता के संपर्क में धनंजय आए और फिर हत्या, सरकारी ठेकों से वसूली, रंगदारी जैसे मुकदमों में नाम आने से सुर्खियों में रहने लगे।

1998 तक अपराध की दुनिया में बड़ा नाम

1998 तक धनंजय सिंह का नाम लखनऊ से लेकर पूर्वांचल तक अपराध की दुनिया में चमक चुका था। उन पर पुलिस की ओर से 50 हजार का इनाम घोषित हो चुका था। 

अक्तूबर 1998 में पुलिस ने बताया कि 50 हजार के इनामी धनंजय सिंह और तीन अन्य बदमाशों के साथ भदोही-मिर्जापुर रोड स्थित एक पेट्रोल पंप पर डकैती डालने आए थे। इस दौरान धनंजय समेत चारों बदमाश मार गिराए गए।

इसके बाद काफी समय तक लोग मान चुके थे कि धनंजय सिंह मारे जा चुके हैं। फरवरी 1999 में धनंजय अचानक पेश हुए और सरेंडर कर दिया। मुठभेड़ में धनंजय को मार गिराने का दावा करने वाली पुलिस के होथ उड़ गए। जांच शुरू हुई और फर्जी मुठभेड़ में शामिल रहे 34 पुलिसकर्मियों पर मुकदमे दर्ज हुए।

तीन शादियां, पहली की मौत, दूसरी से तलाक, तीसरी पत्नी को बनाया जिला पंचायत अध्यक्ष 

धनंजय सिंह ने तीन शादियां की हैं। पहली पत्नी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत होने के बाद दूसरी शादी की। दूसरी पत्नी से तलाक के बाद तीसरी शादी भी की। 

धनंजय ने अपनी दूसरी पत्नी को विधायक बनाने की कोशिश की। तीसरी पत्नी इस समय जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। धनंजय ने पहली शादी बैंक मैनेजर की बेटी मीनू से 2006 में की थी। शादी के नौ महीने बाद ही मीनू की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी।परिवार वालों ने आत्महत्या की बात कही थी।

2009 में धनंजय ने डॉक्टर जागृति सिंह से शादी कर ली। 2012 में जागृति सिंह को जानपुर की रारी सीट से विधानसभा का चुनाव लड़ाया लेकिन वह हार गईं। इस बीच नौकरानी की पिटाई से मौत में जागृति सिंह पर आरोप लगा। धनंजय भी जेल भेजे गए। इसी के बाद जागृति सिंह से तलाक ले लिया। 

2017 में धनंजय सिंह ने तेलंगाना के बड़े कारोबारी परिवार की चंद्रकला से तीसरी शादी की। यह शादी फ्रांस में हुई। श्रीकला रेड्डी भी राजनीतिक परिवार से ही संबंध रखती हैं। उनके पिता जितेंद्र रेड्डी विधायक रहे थे। 

मां ललिता रेड्डी अपने गांव की सरपंच रह चुकी हैं। पांच साल पहले श्रीकला रेड्डी खुद नड्डा के सामने बीजेपी ज्वाइन की थी। 

जौनपुर में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर धनंजय ने अपनी पत्नी श्रीकला को निर्दल ही जिला पंचायत अध्यक्ष के पद पर उतार दिया। जहां सभी दलों को मात देकर श्रीकला अध्यक्ष चुन ली गईं।

राजधीन दिल्ली से लेकर लखनऊ तक मुकदमे

धनंजय पर जौनपुर के साथ ही लखनऊ और राजधानी दिल्ली सहित अन्य जगह 40 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इनमें सर्वाधिक 19 मुकदमे लखनऊ के विभिन्न थानों में हैं। 

लखनऊ में हुई हाईप्रोफाइल अजित सिंह हत्याकांड में भी धनंजय सिंह का नाम आया है।

धनंजय सिंह को 25 हजार का इनामी भी घोषित किया गया था। धनंजय पर मुठभेड़ में घायल शूटर राजेश तोमर का लखनऊ और सुलतानपुर में इलाज कराने में मदद करने का आरोप है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

लेटेस्ट न्यूज़