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24 February 2025 5:18 am

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अजब अदाकारी, गजब कलाकारी…उस्ताद राशिद खान का चिर निद्रा में सो जना संगीत जगत को रुला गया, उनके वीडियो ?देखिए

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

मशहूर सिंगर और शास्त्रीय संगीत के प्रतिभाशाली कलाकारों में से एक उस्ताद राशिद खान का निधन हो गया। 55 साल की उम्र में उन्होंने इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है। बता दें कि सिंगर का लंबे समय से हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था।

वह कोलकाता के एक बड़े हॉस्पिटल में भर्ती थे और उन्हें वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। काफी कोशिशों के बावजूद उन्हें बचाया न जा सका।

दिवंगत सिंगर उस्ताद राशिद खान काफी समय से प्रोस्टेट कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। दिसंबर से तबीयत काफी बिगड़ गी तो उन्हें हॉस्पिटलाइज कराया गया।

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23 दिसंबर को उनके हॉस्पिटलाइज होने की खबरें आईं। हालांकि वहां भी हालत लगातार खराब रही और आखिरकार उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया और नौबत वेंटिलेटर तक पहुंच गई।

बताया जाता है कि शुरुआती इलाज मुंबई के टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में चला, लेकिन बाद में उन्हें कोलकाता शिफ्ट किया गया।

11 साल की उम्र पर पहली बार मंच पर किया परफॉर्म

बता दें कि सिंगर उस्ताद राशिद खान का जन्म उत्तर प्रदेश के बदायूं में हुआ और बचपन से ही संगीत की तालीम मिली। उन्हें इसके लिए कहीं और नहीं जाना पड़ा बल्कि तालीम अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान से ही मिली।

बताया जाता है कि तब वो 11 साल के ही थे जब पहली बार मंच पर उन्होंने अपना परफॉर्मेंस दिया।

उन्होंने कई फिल्मों में भी अपनी आवाज दी, जिन्हें लोग आज भी याद करते हैं।

‘जब वी मेट’ में उनकी गाई बंदिश ‘आओगे जब तुम साजना’ खूब रहा लोकप्रिय

करीना कपूर और शाहिद कपूर स्टारर फिल्म ‘जब वी मेट’ में उनकी गाई बंदिश ‘आओगे जब तुम साजना’ काफी लोकप्रिय रही, जिसे लोग खूब पसंद करते हैं।

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इसके अलावा उनके चर्चित गानों में ‘तोरे बिना मोहे चैन नहीं’ भी शामिल है। उन्होंने शाहरुख खान की फिल्म ‘माई नेम इज’के अलावा ‘राज 3’, ‘कादंबरी’, ‘शादी में जरूर आना’, ‘मंटो’ से लेकर ‘मीटिन मास’ जैसी फिल्मों में भी अपनी शानदार आवाज का जादू खूब चलाया है।

अपनी आवाज से सुनने वालों को मंत्रमुग्ध करने वाले उस्ताद राशिद खान को पद्मश्री और पद्मभूषण जैसे सर्वश्रेष्ठ सम्मान से नवाजा जा चुका है।

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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