चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट
अयोध्या सज रही है। नगर के गली-कूचे भी चमकाए जा रहे हैं। उत्सव का माहौल है, क्योंकि सदियों के इंतजार के बाद अयोध्या में मंदिर में रामलला विराजेंगे।
22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस आयोजन में पीएम नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान हैं। इसके अलावा इस आयोजन में देश भर के 7000 से ज्यादा मेहमान शामिल होंगे। इन मेहमानों में देश के उद्योगपति, अभिनेता, साहित्यकार और खिलाड़ी भी शामिल हैं।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, यह ऐतिहासिक मौका है, जिसका इंतजार देश की करोड़ों जनता कई दशक से कर रही थी।
विश्व हिंदू परिषद ने 1989 में राम मंदिर आंदोलन की शुरुआत की थी। इसके बाद राम मंदिर देश की राजनीति का हिस्सा बन गया। 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ध्वस्त होने के बाद राम मंदिर का मामला अदालत में पहुंचा। 9 नवंबर, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
सूर्यवंशी राजा राम की नगरी अयोध्या में जगह-जगह सूर्यस्तंभ लगाए जा रहे हैं। मंदिर परिसर में कांस्य की बनी विशाल जटायु प्रतिमा भी लगाई गई है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट रोशनी से जगमगाने लगा है। सबसे पहले यहां से दिल्ली और अहमदाबाद के लिए फ्लाइट सेवा शुरू करने की तैयार है।
हाईटेक अयोध्या रेलवे स्टेशन देखते ही बन रहा है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पूरे देश से श्रद्धालुओं का आना बढ़ जाएगा, इसलिए जगह जगह मल्टीलेवल पार्किंग भी बन रही हैं। यहां इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की सुविधा भी रहेगी।
एयरपोर्ट के अलावा अयोध्या में भक्ति पथ, रामपथ, जन्मभूमि पथ, धर्म पथ आदि का लोकार्पण भी होना है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए थाईलैंड के राजा ने वहां की मिट्टी भेजी है। कंबोडिया से सुगंधित हल्दी आई है। इसके अलावा जोधपुर से 600 किलोग्राम गाय का घी और जनकपुर से मिथिला आर्ट पेंटिंग भेजा गया है। इस पेंटिंग में माता सीता के धरती की गोद से जन्म से लेकर उनका प्रभु राम से विवाह तक के प्रसंगों को दर्शाया गया है।
राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान को विशेष भोग लगाया जाएगा, जिसमें ननिहाल के चावल और ससुराल का मेवा शामिल होगा।
ननिहाल छत्तीसगढ़ से 3 हजार क्विंटल चावल अयोध्या आएगा। ये अब तक की सबसे बड़ी चावल की खेप होगी, जो अयोध्या पहुंचेगी। इसे छत्तीसगढ़ के जिलों से एकत्र किया गया है।
भगवान राम की ससुराल नेपाल के जनकपुर से वस्त्र, फल और मेवा 5 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगे। इसके अलावा उपहारों से सजे 1100 थाल भी होंगे।
नेपाल से आभूषण, बर्तन, कपड़े और मिठाइयों के अलावा भार भी आएगा, जिसमें 51 प्रकार की मिठाइयां, दही, मक्खन और चांदी के बर्तन शामिल होंगे।
उत्तर प्रदेश के एटा जिले से रामलला के दरबार में अष्टधातु का 2100 किलो का घंटा पहुंचेगा। दावा किया जा रहा है कि यह देश का सबसे बड़ा घंटा होगा, जिसकी लागत 25 लाख रुपये है। इसे बनाने में 400 कर्मचारी जुटे हुए हैं।
यूपी के एटा से अयोध्या पहुंच रहे घंटे की चौड़ाई 15 फुट और अंदर की चौड़ाई 5 फुट है। इसका वजन 2100 किलो है। इसे बनाने में एक साल का समय लगा है।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए गुजरात के वडोदरा से 108 फीट लंबी अगरबत्ती अयोध्या भेजी जा रही है, जो बनकर तैयार है। इसे पंचगव्य और हवन सामग्री के साथ गाय के गोबर से बनाया गया है। इसका वजन 3500 किलो है।
वडोदरा से अयोध्या पहुंच रही इस अगरबत्ती की लागत पांच लाख से ऊपर है। इसे तैयार करने में 6 महीने का समय लगा है।
इस अगरबत्ती को वड़ोदरा से अयोध्या के लिए 110 फीट लंबे रथ में भेजा जाएगा। अगरबत्ती बनाने वाले विहा भरवाड़ ने बताया कि एक बार इसे जलाने पर ये डेढ़ महीने तक लगातार जलती रह सकती है।
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान की चरण पादुकाएं भी वहां पर रखी जाएंगी। फिलहाल, ये पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं। पादुकाएं 19 जनवरी को अयोध्या पहुंचेंगी। इन्हें हैदराबाद के श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने तैयार किया है।
श्रीचल्ला श्रीनिवास शास्त्री ने इन श्रीराम पादुकाओं के साथ अयोध्या की 41 दिनों की परिक्रमा की थी। इसके बाद इन पादुकाओं को रामेश्वरम से बद्रीनाथ तक सभी प्रसिद्ध मंदिरों में ले जाया जा रहा है और विशेष पूजा की जा रही है।
Author: samachar
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