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19 January 2025 11:11 pm

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मुख्तारी से लेकर गिरफ्तारी तक का कैसा रहा सफर माफिया मुख्तार अंसारी का….

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट 

गाजीपुर के विशेष न्‍यायाधीश (एमपी-एमएलए) अरविंद कुमार मिश्र की अदालत ने माफिया मुख्‍तार अंसारी को जिन दो मामलों के आधार पर गैंगस्‍टर एक्‍ट में सजा सुनाई है उनमें गवाहों के पक्षद्रोही होने के कारण वह पहले बरी हो चुका था। अदालत ने कहा कि अगर कोई गैंग का संचालन करता है और अभियोजन पक्ष के गवाह पक्षद्रोही हो जाते हैं तो इससे यह नहीं माना जाएगा कि अभियुक्‍त ने कोई अपराध नहीं किया है।

हत्‍या के प्रयास के मामले में गवाह ने कई बार अलग-अलग बयान दर्ज कराया। इससे लगता है कि गवाह भय के कारण मुख्‍तार अंसारी और उसके शूटर सोनू यादव के खिलाफ बयान नहीं दे सका। ऐसे में हाई कोर्ट की ओर से दी गई व्‍यवस्‍था के मद्देनजर मुख्‍तार और सोनू को दोषी करार देते हुए सजा दी जाती है।

2009 में दर्ज हुआ था केस

गाजीपुर जिले में वर्ष 2009 में कपिलदेव सिंह की हत्‍या और उसी साल मुहम्‍मदाबाद में मीर हसन पर जानलेवा हमले के मामले में मुख्‍तार के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जिस समय दोनों घटनाएं हुई, मुख्‍तार जेल में बंद था। इन्‍हीं दो मुकदमों को गैंग चार्ट में शामिल कर मुख्‍तार के खिलाफ 2010 में गैंगस्‍टर ऐक्ट में मुकदमा दर्ज हुआ था। विशेष न्‍यायाधीश ने गैंगस्‍टर मामले में सजा सुनाते हुए मुख्‍तार को पूर्व में बरी किए जाने को आधार नहीं माना।

डेढ़ दर्जन मुकदमों में चल रही सुनवाई

गाजीपुर में 14 अक्‍टूबर 1997 को मुख्‍तार गैंग IS-191 के रूप में दर्ज हुआ था। मुख्‍तार के विरुद्ध यूपी के कई शहरों समेत पंजाब में 65 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। इनमें करीब डेढ़ दर्जन मुकदमे अब भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। वाराणसी के विशेष न्‍यायाधीश की अदालत में कूट रचित तरीके से शस्‍त्र का लाइसेंस जारी करने और नंद किशोर रूंगटा के घरवालों को धमकाने के मामलों की सुनवाई चल रही है।

वहीं पुलिस मुख्‍तार की पत्‍नी आफ्शां की तलाश कर रही है। इसके अलावा मुख्‍तार के साले भी अलग-अलग जेलों में बंद हैं। मुख्‍तार के भाई पूर्व सांसद अफजाल अंसारी के खिलाफ 7 और शिबगहतुल्‍ला अंसारी के खिलाफ 3 केस दर्ज हैं। बहनोई व चचेरे भाइयों के खिलाफ भी कई मुकदमे दर्ज हैं।

तीन अरब से अधिक की संपत्ति जब्‍त

मुख्‍तार अंसारी गिरोह के आर्थिक साम्राज्‍य पर साल 2017 के बाद गहरी चोट पहुंची है। वाराणसी जोन से जुड़े जनपदों में तीन अरब, सात करोड़ की संपत्ति जब्‍त की जा चुकी है। कुछ संपत्तियां ध्‍वस्‍त भी की गई है। करीब दो अरब रुपये के अवैध धंधे को भी पुलिस ने बंद कराया है।

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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