अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट
बलिया: वाह जी वाह…कहने को तो चौकीदार हैं…लेकिन, जब तक डॉक्टर साहब की अस्पताल में उपस्थिति नहीं होती है तब वह खुद डॉक्टर बन जाते हैं और जनता की सेवा करने लगते हैं…जी हां, जनता की सेवा नहीं जिंदगी से खिलवाड़ करने वाला ये मामला है जिला बलिया का…जहां मरीजों का इलाज एक चौकीदार करता है…हैरत की बात तो ये है कि इसकी जानकारी स्वास्थ्य अधिकारी को भी है…लेकिन फिर भी सब राम भरोसे छोड़ दिया गया है…
दरअसल, ये पूरा मामला जिले के चांदपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है…जहां जनता की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है…और जब प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक से इस पर सवाल किया जा रहा है तो उनका कहना है कि जैसे झोलाछाप इलाज करते हैं, वैसे ही वह भी इलाज कर लेता है, जो मरीज सीरियस होते हैं, उन्हें सीएचसी भेज देता है…उस चौकीदार को ट्रेंड किया गया है। हमारे पास डॉक्टर नहीं हैं, जो संसाधन हैं, उन्हीं से काम चलाएंगे…
वहीं जब इस मामले पर पत्रकारों ने चौकीदार राशिद आलम से बात की तो उनका कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर नहीं हैं…मैं यहां पर चौकीदार के पद पर तैनात हूं…एक महीना पहले यहां पर डॉक्टर थे…वही दवा देते थे. अब जब मरीज आ जाते हैं तो जानकारी के हिसाब से दवा दे देते हैं…जरूरत पड़ी तो मरहम-पट्टी भी कर देते हैं.. दर्द और बुखार की दवा भी देते हैं. गरीब जनता का सेवा हो सके, इसी ख्याल से ऐसा करते हैं…. खैर, डॉक्टरों के अभाव में चौकीदार को ट्रेंड कर झोलाछाप डॉक्टर तो बना दिया है…लेकिन सवाल ये उठता है कि जहां सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर तमाम दावे कर रही है वो कहां है…!
Author: samachar
"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."