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लखनऊ

पीएम आवास योजना के नाम पर कैसे अरमानों का सौदा करते थे दो ठग? अजब-गजब ठगी का ऐसा रवैया चौंका देगा आपको 

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चुन्नीलाल प्रधान की रिपोर्ट 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टॉस्क फोर्स एसटीएफ ने प्रधानमंत्री आवास के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया है। एसटीएफ की टीम ने इस मामले में मास्टरमाइंड समेत 2 लोगों को कानपुर देहात से गिरफ्तार किया है। मास्टरमाइंड राजेश सिंह संजीत यादव अपहरण व हत्याकांड मामले में भी जेल जा चुका है। इनके पास से 6 मोबाइल, कूटरचित वोटर आईड, आधार कार्ड और कई दस्तावेजों की फ़ोटोकॉपी बरामद हुए हैं।

दरअसल इस मामले में एसटीएफ को इनपुट मिला था कि कानपुर देहात के रानियां थानाक्षेत्र में एक संगठित गिरोह सक्रिय है। ये विभिन्न मोबाइल एप के जरिए लोगों की पर्सनल जानकारी प्राप्त कर लोगों को कॉल कर सचिवालय यूपी का अधिकारी बनकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास दिलाने का प्रलोभन देकर ठगी कर रहा है। मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने कानपुर देहात के रहने वाले राजेश सिंह उर्फ चीता उर्फ दीपक मिश्रा और अनिल सिंह उर्फ प्रदीप मिश्रा उर्फ दीपक मिश्रा को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया है। राजेश सिंह इस गिरोह का मास्टरमाइंड है।

सचिवालय का अधिकारी बनकर करते थे बात

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एसटीएफ द्वारा बताया गया कि पूछताछ के दौरान आरोपी राजेश सिंह व अनिल सिंह ने बताया कि उन लोगों के द्वारा किसी सीरीज के नंबर पर कॉल करके यह बताया जाता था कि वो सचिवालय लखनऊ उप्र. के प्रधानमंत्री आवास योजना के सक्षम अधिकारी बोल रहे हैं और उनसे पूछा जाता था कि क्या आपने पीएम आवास योजना के लिए फॉर्म भरा है। यदि कोई हामी भरता तो उसे विश्वास कराने के लिए उसका आधार कार्ड नंबर लेकर विभिन्न एप के जरिये उसकी निजी जानकारी व पारिवारिक डिटेल बता देते थे। फिर विश्वास में आते ही उन भोले भाले लोगों को बताते थे कि आपका 3 लाख 25 हजार रुपया पास हो गया है जिसे प्राप्त करने के लिए 3-5 हजार रुपये UPI के माध्यम से जमा कराकर रजिस्ट्रेशन कराना होगा।

अपहरण व हत्याकांड में जेल भी गया है आरोपी राजेश

आरोपियों ने आगे बताया कि रजिस्ट्रेशन कराने के लिए उनके बताए गए यूपीआई पर भोलेभाले लोगों द्वारा रुपए जमा कराए जाते थे। इसके बाद बैंक खाता खुलवाकर उसका एटीएम कार्ड और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर आरोपियों द्वारा बताए गए पते पर भेजने के लिए कहा जाता था। इसका प्रयोग आरोपी अन्य लोगों से ठगी के लिए करते थे। वहीं बैंक में रूपया आते ही गिरोह के मोनू सिंह द्वारा एटीएम के जरिए रुपए निकालकर आपस में बांट लेते थे।

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आरोपी राजेश सिंह थाना बर्रा में संजीत यादव अपहरण व हत्याकाण्ड मामले में 18 महीने जेल काट कर अक्टूबर 2022 में जमानत पर छूटा है तब से यही कार्य कर रहा था।

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Author: samachardarpan24

जिद है दुनिया जीतने की

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