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November 25, 2024 9:48 pm

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पुलिस अधीक्षक कार्यालय के बड़े बाबू के बड़े कारनामें, कभी पोस्टिंग के नाम पर तो कभी छुट्टी के नाम पर कर रहा अवैध वसूली

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संजय सिंह राणा की रिपोर्ट

चित्रकूट- पुलिस अधीक्षक कार्यालय में प्रभारी प्रधान लिपिक (बडे़ बाबू) आलोक सिंह की मनमानी खूब देखने को मिल रही हैं जहां पर इस बाबू द्वारा दीवान से लेकर फालवर तक से अवैध वसूली की जाती है लेकिन इसके खिलाफ बोलने वाला कोई नहीं है इस बाबू की दबंगई के आगे पुलिस कर्मचारी शोषण होने के बावजूद कुछ बोल नहीं पाते हैं जिसके कारण यह अपनी मनमानी करते हुए नज़र आ रहा है पुलिस कर्मियों को छुट्टी के दौरान अगर थोड़ी भी लेट हुई तो इस बाबू द्वारा तुरन्त वेतन रोकने के आदेश पुलिस अधीक्षक महोदय से करवा लेता है फिर उसी आदेश को दिखाकर व छुट्टी बढ़ाने के नाम पर मोटी रकम वसूल करता है वहीं पोस्टिंग के नाम पर मनमाने तरीके से वसूली करता है l

महिला पुलिस कर्मियों को मातृत्व अवकाश दिलाए जाने के नाम पर जमकर वसूली करता है अवैध वसूली करने के चक्कर में तीन शिफ्ट में छुट्टी करवाते है व हर बार चार से पांच हजार रुपए लेता है अगर किसी महिला पुलिस कर्मियों ने इकठ्ठा दस पन्द्रह हजार रूपए दे दिए तो इकठ्ठा छुट्टी करवा देता है l

वहीं वरासत के नाम पर खूब धन उगाही करता है अगर इस बाबू के कहे अनुसार पैसे मिल गए तो वरासात तुरन्त बना दी जाती है अगर पैसे देने में किसी ने कोताही बरती तो बडे़ बाबू द्वारा माननीय कोर्ट का हवाला देते हुए भगा दिया जाता है व यह कहा जाता है कि कोर्ट से आर्डर कराकर लाओ फिर आगे देखता हूं नौकरी के दौरान अपने मां बाप को खो चुके यह बेसहारा बच्चे इस बाबू की मनमानी का शिकार होते हुए वरासत बनवाने के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हो जाते हैं इस बाबू की अवैध वसूली से आर.आई. से लेकर यातायात प्रभारी तक अछूते नहीं हैं जिनसे यह वसूली न करता हो इस बाबू के रहमो करम पर ही पिछले लगभग पांच वर्षों से यातायात प्रभारी योगेश यादव टिके हुए हैं पुलिस की कोई ऐसी मद नहीं है जिससे यह बाबू वसूली न करता हो लेकिन पुलिस अधीक्षक कार्यालय का बड़ा बाबू होने के चलते इसकी मनमानी पर कोई आवाज नहीं उठा पाता है जिसके कारण इस बाबू द्वारा मनमाने तरीके से पुलिस के दीवान से लेकर फालवर तक का शोषण किया जाता है इस बडे़ बाबू की अवैध वसूली का पूरा जिम्मा कांसटेबल दिलीप द्वारा किया जाता है जो इस बडे़ बाबू का मुंशी बना हुआ है l

इस बडे़ बाबू का तबादला लगभग चार साल पहले हो चुका था जिसमें लगभग तीस व्यक्तियो के तबादले होने थे जिसमें बडे़ बाबू ने अपने सहित दस लोगों का तबादला रोकवा लिया था व उनसे मोटी रकम वसूल की थी व अपने तबादले की बात को छिपाते हुए जिम्मेदार अधिकारियो को गुमराह कर रहा है व हर बार पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बाबू नहीं होने का बहाना करके अपना तबादला रोकवा लेता है जबकि पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दो अन्य बाबू भी तैनात हैं लेकिन बडे़ बाबू आलोक सिंह की मनमानी के आगे किसी की नहीं चलती है जिसके कारण पुलिस कर्मी इस बाबू की मनमानी का शिकार होते हुए मोटी रकम देने को मजबूर हो जाते हैं l

बडे़ बाबू की मनमानी का शिकार एक पुलिस कर्मी अभी हाल ही में हुआ है जो बीमारी के कारण लगभग डेढ़ साल से छुट्टी से गैर हाजिर चला रहा था जिसका वेतन बनाए जाने के नाम पर बडे़ बाबू आलोक सिंह द्वारा एक लाख रुपए की मोटी रकम वसूल की गई है यह पुलिस कर्मी अपना वेतन बनवाने के नाम पर पैसा देने के लिए मजबूर हो गया था जिसका बडे़ बाबू आलोक सिंह ने पूरा फायदा उठाते हुए मोटी रकम वसूल की है l

सबसे बडी सोचने वाली बात यह है कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बडे़ बाबू आलोक सिंह द्वारा मनमाने तरीके से पुलिस कर्मियों से किसी न किसी रूप में अवैध वसूली की जाती है लेकिन इसकी मनमानी पर रोक लगाने वाला कोई नहीं है l

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Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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