बरेली के फरीदपुर तहसील में तैनात चकबंदी अधिकारी महेश सिंह को विजिलेंस टीम ने 10 हजार रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। गरीब किसान की शिकायत पर हुई कार्रवाई, रिश्वत की रकम बरामद।
ठाकुर बख्श सिंह की रिपोर्ट
बरेली (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक साहसी किसान की लड़ाई रंग लाई। फरीदपुर तहसील में तैनात सहायक चकबंदी अधिकारी महेश सिंह को विजिलेंस टीम ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह रकम उन्होंने एक गरीब किसान से उसकी जमीन की चकबंदी कराने के बदले मांगी थी।
कैसे हुआ खुलासा?
दरअसल, फरीदपुर क्षेत्र के एक किसान ने अपनी बिखरी हुई जमीन को समेकित कराने के लिए चकबंदी विभाग में आवेदन दिया था। यह कार्य महेश सिंह के अधीन था। जब किसान ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की गुजारिश की, तो अधिकारी ने उससे 20 हजार रुपए की मांग कर दी। किसान की आर्थिक स्थिति खराब थी, इसलिए उसने एक साथ इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थता जताई।
दो किश्तों में रिश्वत का प्रस्ताव
इसके बाद अधिकारी ने उसे दो किश्तों में पैसा देने का सुझाव दिया। किसान ने जैसे-तैसे कर्ज लेकर 10 हजार रुपए का इंतजाम किया, लेकिन उसे अधिकारी की नीयत पर शक हो गया। यहीं से उसने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का फैसला लिया।
विजिलेंस टीम ने रची योजना
किसान ने बरेली विजिलेंस दफ्तर में पहुंचकर पूरी घटना की जानकारी दी। विजिलेंस एसपी अरविंद कुमार के निर्देश पर एक विशेष टीम गठित की गई। योजनाबद्ध तरीके से टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया।
रंगे हाथ गिरफ्तार
बुधवार को तय समय पर किसान पैसे लेकर अधिकारी से मिलने पहुंचा। जैसे ही महेश सिंह ने रिश्वत की रकम हाथ में ली, पहले से तैनात विजिलेंस टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे पकड़ लिया। टीम ने रिश्वत की 10 हजार रुपए की रकम भी बरामद कर ली और आरोपी अधिकारी को तत्काल हिरासत में ले लिया।
इस घटना से स्पष्ट है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जब आम नागरिक हिम्मत दिखाते हैं, तो सिस्टम भी सक्रिय होता है। किसान की जागरूकता और साहस ने एक भ्रष्ट अधिकारी को सजा दिलाने का रास्ता खोल दिया।