मथुरा में प्रस्तावित बांके बिहारी कॉरिडोर को लेकर ब्रजवासियों का गुस्सा फिर उफान पर है। मंदिर गेट नंबर एक पर हुए विरोध प्रदर्शन में लोगों ने सरकार और सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
ब्रजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
मथुरा (उत्तर प्रदेश): जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मथुरा में बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे ब्रजवासियों का विरोध भी तेज होता जा रहा है। इसी क्रम में सोमवार को ठाकुर बांके बिहारी मंदिर के गेट नंबर एक के बाहर स्थानीय लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
गौरतलब है कि ब्रजवासियों का मानना है कि अगर मंदिर क्षेत्र में किसी भी प्रकार का कॉरिडोर बनाया गया, तो इससे ब्रज संस्कृति और कुंज गलियों का विनाश हो जाएगा। उनका कहना है कि भीड़ नियंत्रण के लिए पहले से ही व्यवस्थाएं मौजूद हैं, ऐसे में किसी नए निर्माण की आवश्यकता नहीं है।
सरकार की योजना, जनता की नाराज़गी
उत्तर प्रदेश सरकार काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर बांके बिहारी कॉरिडोर का निर्माण करना चाहती है। इसी संबंध में मथुरा की सांसद हेमा मालिनी ने आठ दिन पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इस प्रोजेक्ट को शीघ्र शुरू करने की मांग की थी। हालांकि, यह पहल ब्रजवासियों को बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही है।
सोमवार को विरोध प्रदर्शन में ब्रजवासी और तीर्थ पुरोहितों ने भाग लिया। मंदिर गेट पर खड़े होकर सभी ने कॉरिडोर के खिलाफ आवाज़ बुलंद की और एक स्वर में नारे लगाए कि “कॉरिडोर नहीं चाहिए” और “ब्रज की गलियों का अपमान नहीं सहेंगे।”
हेमा मालिनी पर भी फूटा ग़ुस्सा
इस प्रदर्शन के दौरान सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी हुई। लोगों ने कहा कि वह ब्रज के भावनात्मक और सांस्कृतिक महत्व को नहीं समझ रहीं और दिल्ली से बैठकर ब्रज की आत्मा से खिलवाड़ कर रही हैं।
प्रदर्शन में उठीं स्थानीय आवाज़ें
ब्रजवासी दीपक पराशर ने कहा कि, “कॉरिडोर निर्माण की कोई आवश्यकता नहीं है। पहले से ही भीड़ नियंत्रण के पर्याप्त साधन मौजूद हैं, लेकिन सरकार और प्रशासन अपनी मनमानी पर आमादा हैं, जिसे हम किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
तख्तियों और नारों के साथ विरोध जारी
प्रदर्शन के दौरान लोग हाथों में विरोध में लिखी तख्तियां लिए हुए थे, जिन पर “ब्रज को मत तोड़ो”, “बांके बिहारी की गलियों को बचाओ”, जैसे संदेश लिखे थे।
निष्कर्षतः, मथुरा में बांके बिहारी कॉरिडोर का मुद्दा दिन-ब-दिन गरमाता जा रहा है। एक ओर जहां सरकार इसे विकास की दृष्टि से देख रही है, वहीं ब्रजवासी इसे अपनी आस्था, परंपरा और पहचान पर हमला मान रहे हैं। देखना यह होगा कि इस विरोध के बीच सरकार क्या अगला कदम उठाती है।