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November 25, 2024 11:34 am

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प्रसाद की राजनीति, अब वृंदावन में प्रसाद की गुणवत्ता पर उठे सवाल, डिंपल ने उठाई दुकानें जांच की मांग

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अंजनी कुमार त्रिपाठी की रिपोर्ट

मथुरा में तिरूपति बालाजी के प्रसाद में जानवरों की चर्बी पाए जाने के बाद एक राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। 

समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने वृंदावन में बांकेबिहारी मंदिर के आसपास मिलने वाले प्रसाद की गुणवत्ता की जांच की मांग उठाई। इसके बाद खाद्य विभाग ने सक्रियता दिखाई और अब तक 27 सैंपल लिए जा चुके हैं। इन सैंपल की जांच रिपोर्ट 15 दिनों में आएगी।

वृंदावन का प्रसाद

जब मीडिया ने बिहारी मंदिर में भगवान को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद के बारे में जानकारी मांगी, तो मंदिर के गोसाईयों ने स्पष्ट किया कि मंदिर में बनने वाले प्रसाद के लिए सूखी सामग्री बाजार से लाई जाती है। 

घी का उत्पादन भी गौशाला में किया जाता है और फिर उसी प्रसाद को भगवान को चढ़ाया जाता है। इसके अलावा, मंदिर में किसी भी प्रकार का बाहरी भोजन नहीं दिया जाता।

हालांकि, इस मुद्दे ने मिलावटखोरी करने वालों में हड़कंप मचा दिया है। छापामारी की खबरों के बाद, कई दुकानदार अपनी दुकानों को बंद कर रहे हैं, जबकि जो दुकानदार बिना मिलावट का प्रसाद तैयार कर रहे हैं, उनकी दुकानें खुली हुई हैं।

एक दुकानदार ने मीडिया को बताया कि वह अपनी फैक्ट्री में प्रसाद तैयार करता है। उसके एक भाई ने फैक्ट्री की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए हैं ताकि किसी भी कारीगर द्वारा गलत कार्य न किया जा सके।

इस मामले में राजनीति भी गर्मा गई है। प्रसाद की गुणवत्ता और उसकी जांच को लेकर सियासत का यह दौर कब थमेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। 

क्या यह विवाद केवल राजनीतिक फायदा उठाने के लिए है या वास्तव में समाज के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए चिंता का विषय है, यह भी एक बड़ा सवाल है।

इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित कर दिया है कि धार्मिक आस्था और व्यावसायिक हितों के बीच का संतुलन कितना नाजुक है। अब देखना यह है कि खाद्य विभाग की जांच के बाद प्रसाद की स्थिति क्या होगी और किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी? 

samachar
Author: samachar

"कलम हमेशा लिखती हैं इतिहास क्रांति के नारों का, कलमकार की कलम ख़रीदे सत्ता की औकात नहीं.."

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